कर्नाटक के पूर्व CM येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत, ये था आरोप
भाजपा के वरिष्ठ नेता पर राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित एक एकड़ जमीन जारी करने और 2006-07 में अवैध रूप से उद्यमियों को जमीन आवंटित करने का आरोप है, जब वह कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री थे.
बेंगलुरु:
कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय (karnataka High court) के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ( Prevention of Corruption Act) के तहत आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था. भाजपा के वरिष्ठ नेता पर राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित एक एकड़ जमीन जारी करने और 2006-07 में अवैध रूप से उद्यमियों को जमीन आवंटित करने का आरोप है, जब वह कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री थे. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस द्वारा 21 दिसंबर, 2015 को वासुदेव रेड्डी द्वारा दायर एक निजी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र में बीजेपी नेता ने की धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग
वर्ष 2020 में उच्च न्यायालय (High court) ने येदियुरप्पा के अनुरोध को खारिज कर दिया कि कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी जाए. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जॉन माइकल कुन्हा ने जांच में देरी के लिए पुलिस को फटकार लगाई और कहा, परिस्थितियां स्पष्ट रूप से इशारा कर रही है कि देरी जानबूझकर की गई है. येदियुरप्पा के खिलाफ पुलिस शिकायत के बाद वर्ष 2013 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. शिकायत में कहा गया है कि कर्नाटक सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी पार्क विकसित करने के लिए बेलंदूर, देवरबीसनहल्ली और अन्य क्षेत्रों में 400 एकड़ से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया था, लेकिन येदियुरप्पा ने उस जमीन के कुछ हिस्सों को निजी मालिकों को जारी कर दिया.
कर्नाटक भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था, लोकायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि येदियुरप्पा को रिश्वत का कोई भुगतान नहीं किया गया था और उनके खिलाफ चार्जशीट दायर करने के लिए कोई सामग्री या सबूत नहीं था. विशेष अदालत ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. येदियुरप्पा ने तब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और कहा कि उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द कर दी जाए, क्योंकि यह एक अन्य आरोपी कांग्रेस के आरवी देशपांडे से जुड़े मामले में था, लेकिन उनके अनुरोध को खारिज कर दिया गया था. भाजपा नेता ने अदालत में तर्क दिया है कि इसमें कोई भ्रष्टाचार शामिल नहीं था. उन्होंने पैसे के लिए अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया था और उनके कार्य उनकी प्रशासनिक शक्तियों के भीतर थे.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Lok Sabha Election 2024: PM मोदी ने नामांकन के लिए क्यों चुना यह खास दिन? सामने आई चौंकाने वाली वजह
-
Guru Asta 2024: आज गुरु होंगे अस्त, इन राशियों को होगा बंपर लाभ, होगी जबरदस्त कमाई
-
Angarak Yoga 2024: मंगल के गोचर से बना अंगारक योग, इन राशियों के जीवन में छा जाएगा अंधेरा
-
Vastu Tips For Kitchen: इस दिशा में होती है रसोई तो घर वाले हमेशा रहते हैं कंगाल