Gandhinagar: 'इंजीनियरिंग की खामियां सड़क हादसों का कारण', भारतीय सड़क कांग्रेस के सत्र में बोले नितिन गडकरी
रविवार को भारतीय सड़क कांग्रेस के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण में वैकल्पिक सामग्री और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके अच्छी सड़कें बनाई जा सकती हैं.
highlights
- 'इंजीनियरिंग की गलतियों से होते हैं सड़क हादसे'
- भारतीय सड़क कांग्रेस के वार्षिक सत्र में बोले गडकरी
- हर साल सड़क हादसों में 1.5 लाख लोगों की जाती है जान
नई दिल्ली:
Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क हादसों की वजह इंजीनियरिंग की गलती को बताया. गुजरात की राजधानी गांधीनगर में भारतीय सड़क कांग्रेस के 82वें वार्षिक सत्र के दौरान उन्होंने ये बात कही, गडकरी ने कहा कि दोषपूर्ण सड़क इंजीनियरिंग अक्सर भारत में हर साल होने वाली पांच लाख दुर्घटनाओं का कारण होती है. इसके साथ ही उन्होंने इन हादसों को रोकने के लिए इंजीनियरों से आग्रह किया. उन्होंने इंजीनियरों से जीवन बचाने के लिए ब्लैक स्पॉट को हटाने की दिशा में काम करने की बात कही.
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रविवार को भारतीय सड़क कांग्रेस के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण में वैकल्पिक सामग्री और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके अच्छी सड़कें बनाई जा सकती हैं. उन्होंने इंजीनियरों से सड़कों की गुणवत्ता से समझौता किए बिना निर्माण लागत कम करने और परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का भी आग्रह किया. बता दें कि देश में हर साल पांच लाख सड़क हादसे होते हैं जिसमें 1.5 लाख लोगों की जान जाती हैं और तीन लाख लोग घायल हो जाते हैं.
गडकरी ने सत्र के दौरान कहा कि इस हादसों की वजह से देश की जीडीपी को तीन फीसदी नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि बलि के मेमने की तरह, हर दुर्घटना के लिए ड्राइवर को दोषी ठहराया जाता है. उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि, मेरे अनुभव के मुताबिक अक्सर, सड़क इंजीनियरिंग में गलती होती है. नितिन गडकरी ने आगे कहा कि सड़कों का निर्माण करते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उनकी ठीक से इंजीनियरिंग की जानी चाहिए.
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सड़क हादसे में टूट गई हड्डियां
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने साथ हुए हादसे के बारे में बताते हुए कहा कि, मैं भी एक दुर्घटना का शिकार हो गया था. जिसमें मेरी चार हड्डियां टूट गई थीं. उन्होंने कहा कि दुर्घटना में होने वाली मौतों में 60 फीसदी मौतें 18 से 34 वर्ष की आयु के लोगों की होती हैं.
सिलक्यारा हादसे पर बोले गडकरी
उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल हादसे के बारे में गडकरी ने कहा कि कोई उन लोगों को नहीं भूल सकता जो सुरंग के अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर अंदर गए. उन्होंने कहा कि उन लोगों को बारे में मुझे रोजाना ब्रीफिंग मिलती थी. मुझे चिंता होती थी लेकिन हम कुछ नहीं कर पा रहे थे.
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