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रमजान विवाद पर चुनाव आयोग ने किया साफ, पूरे महीने के लिए चुनाव स्थगित करना संभव नहीं

लोकसभा चुनाव कार्यक्रम को लेकर उत्पन्न विवाद पर निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि रमजान के पूरे महीने के लिए चुनाव स्थगित करना संभव नहीं था और कहा कि मुख्य त्योहार दिवसों और शुक्रवारों को चुनाव से मुक्त रखा गया है.

Updated on: 11 Mar 2019, 09:00 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव कार्यक्रम को लेकर उत्पन्न विवाद पर निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि रमजान के पूरे महीने के लिए चुनाव स्थगित करना संभव नहीं था और कहा कि मुख्य त्योहार दिवसों और शुक्रवारों को चुनाव से मुक्त रखा गया है. आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा, "रमजान के दौरान चुनाव होंगे क्योंकि पूरे माह के लिए चुनाव स्थगित करना संभव नहीं था. लेकिन, मुख्य त्योहार की तिथि और शुक्रवारों को चुनाव दिवस नहीं रखा गया है."सात चरण के लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक होने हैं. मतों की गिनती 23 मई को होगी. रमजान का महीना इस वर्ष संभवत: 6 मई को शुरू होने वाला है. इस पूरे महीने मुस्लिम उपवास रखते हैं.

प्रवक्ता ने कहा, "आयोग ने सीबीएसई समेत विभिन्न राज्य बोर्डो की परीक्षा समय सारणी को देखने के बाद चुनाव तिथियों को अंतिम रूप दिया."

उन्होंने कहा, "इसके अलावा, अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे मार्च, अप्रैल और मई में होने वाली विभिन्न छुट्टियों और त्यौहारों, मानसून पूर्व बारिश, फसलों की कटाई पर ध्यान दिया गया."

तृणमूल कांग्रेस के फरहाद हकीम और आम आदमी पार्टी के अमानातुल्लाह खान समेत कुछ नेताओं ने रमजान के पवित्र महीने में चुनाव होने पर आपत्ति उठाई थी, जिसके बाद इस मुद्दे ने विवाद का रूप ले लिया था. 

वहीं एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी समेत कुछ अन्य मुस्लिम नेताओं व हस्तियों ने कहा कि रमजान के दौरान चुनाव होने में कुछ भी गलत नहीं है. अगर मुस्लिम उपवास के दौरान काम कर सकते हैं तो वे उपवास के दौरान वोट डाल सकते हैं और चुनाव प्रचार भी कर सकते हैं.