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अमेरिका की प्रथम महिला को PM Modi ने दिया सूरत में बना डायमंड, जानें क्या है खासियत 

हीरा उद्यमियों अनुसार, यह देश के लिए एक गौरव की बात है कि उनके यहां बनाया गया हीरा अमरीका के व्हाइट हाउस में पहुंच गया है. यह हीरा पूरी तरह से ग्रीन एनर्जी के आधार पर बना है. 

Updated on: 23 Jun 2023, 12:06 AM

highlights

  • लैब ग्रो डायमंड, जो कि करीबन 7.30 कैरेट का है
  • लैबग्रोन डायमंड का उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ रहा है
  • कृतिम हीरे के आभूषणों की कीमतें भी बहुत कम है

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला को सूरत में बना लैब ग्रो डायमंड, जो कि करीबन 7.30 कैरेट का इको फ्रेंडली हीरा उपहार में दिया. इसको लेकर सूरत का हीरा एक बार फिर से विश्व भर में चर्चा का विषय बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं और इस बीच उनकी वजह से डायमंड सिटी सूरत एक बार फिर सुर्खियों में है. क्योंकि अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला को जो हीरा उपहार में दिया, उसे सूरत की लैब में तैयार किया गया है. दरअसल सूरत में असली हीरों के साथ-साथ लैंबग्रोन हीरों की भी काफी मांग है. लैब में उगाए गए हीरों को पर्यावरण अनुकूल हीरे के रूप में जाना जाता है. हरे हीरे जमीन से नहीं निकाले जाते. लेकिन इसे प्रयोगशाला में वैज्ञानिक विधि से कृत्रिम रूप से सूरत के इच्छापुर स्थित एक कंपनी में तैयार किया गया है.

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हीरा उद्यमियों की मानें तो यह देश के लिए गौरव की बात है कि उनके यहां बनाया गया हीरा अमरीका के व्हाइट हाउस में पहुंच गया है. यह हीरा पूरी तरह से ग्रीन एनर्जी के बेस पर बना है. पिछले पांच वर्षों में प्रयोगशाला में विकसित हीरे की बिक्री में काफी वृद्धि हुई है. अमेरिकी शहरों और यूरोपीय देशों में इसकी मांग देखी जा रही है. विशेष रूप से अमेरिका की युवा पीढ़ी के बीच पर्यावरण अनुकूल हीरे की अत्यधिक मांग है. सूरत पर्यावरण अनुकूल हीरे का मुख्य सोर्सिंग केंद्र बन गया है. वहीं प्राकृतिक हीरों का खनन और उत्खनन किया जाता है. उससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक हीरों की जगह पर्यावरण अनुकूल हीरों को बढ़ावा देने की कोशिश की है. सूरत में नेचुरल डायमंड की तुलना में कृतिम डायमंड यानी लैबग्रोन डायमंड का उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने दुनिया का ध्यान खींचने की भी कोशिश की है क्योंकि वह पर्यावरण अनुकूल हीरे को और आगे ले जाना चाहते हैं.

साथ ही लैब ग्रोन डायमंड की बढ़ती मांग को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि सिंथेटिक हीरे की कीमत प्राकृतिक हीरे की तुलना में 30 से 40 कम होती है.  जिसके कारण कृतिम हीरे के आभूषणों की कीमतें भी बहुत कम है और लोगों के लिए सस्ते हैं. इसलिए वैश्विक स्तर पर भी इसकी मांग बढ़ रही है. उदाहरण के तौर पर अगर एक प्राकृतिक हीरे की कीमत एक लाख रुपये है तो यह 60000 से 20000 रुपये तक मिलता है. जिससे हीरे के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है.