10वीं के रिजल्ट को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने CBSE बोर्ड को नोटिस जारी किया
10वीं छात्रों के लिए अंक मूल्यांकन नीति में स्पष्टता की मांग को लेकर दायर अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने CBSE बोर्ड को नोटिस जारी किया है.
highlights
- CBSE 10वीं के रिजल्ट को लेकर याचिका
- अंक मूल्यांकन नीति में स्पष्टता की मांग
- दिल्ली HC ने CBSE बोर्ड को नोटिस भेजा
नई दिल्ली:
सीबीएसई की 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं. छात्र, अभिभावक और शिक्षाविद इस फैसले से फैसले हैं, मगर 10 वीं के छात्रों के रिजल्ट और मूल्यांकन को लेकर प्रश्न अभी भी बाकी हैं. बिना परीक्षाओं के रिजल्ट को लेकर हर किसी के मन की एक शंका बनी हिई है. देशभर के कई प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों और शिक्षाविद मूल्यांकन प्रक्रिया को एकसमान और पारदर्शी बनाने की अपील कर रहे हैं. हालांकि यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है. 10वीं छात्रों के लिए अंक मूल्यांकन नीति में स्पष्टता की मांग को लेकर दायर अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने CBSE बोर्ड को नोटिस जारी किया है.
यह भी पढ़ें : शिक्षा मंत्रालय की वर्चुअल मीटिंग में अचानक जुड़कर PM मोदी ने CBSE छात्रों को चौंकाया, इन मुद्दों पर की चर्चा
इससे पहले बिना परीक्षा 12वीं के रिजल्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और ICSE बोर्ड से इंटरनल एसेसमेंट की जानकारी मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से बारहवीं कक्षा का आकलन करने के लिए दो सप्ताह के भीतर एसेमेंट क्राइटेरिया (वस्तुनिष्ठ मानदंड) प्रस्तुत करने को कहा. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने 12 वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाएं रद्द किए जाने के फैसले पर खुशी जताई. गुरुवार को जस्टिस ए.एम. खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी ने कहा कि हम बोर्ड परीक्षा (सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड) को रद्द करने के केंद्र के फैसले से खुश हैं, लेकिन आप किस उद्देश्य मानक सिद्धांत को लागू करेंगे? पत्र में मानदंड नहीं दिए गए हैं.
इसके बाद एजी ने पीठ को जवाब दिया कि उद्देश्य मानदंड सीबीएसई द्वारा निर्धारित किया जाएगा और इसे अदालत के समक्ष रिकॉर्ड पर रखने के लिए समय मांगा, एजी ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग वाली याचिका का निपटारा किया जा सकता है और मामले में एक आवेदन दायर किया जा सकता है, पीठ ने जवाब दिया कि वह केवल उद्देश्य मानदंड को रिकॉर्ड में रखे जाने के बाद ही मामले का निपटारा करेगी, आईसीएसई बोर्ड के वकील ने वस्तुनिष्ठ मानदंड को रिकॉर्ड पर रखने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा.
यह भी पढ़ें : Corona Virus Live Updates:कोरोना की संभावित तीसरी लहर पर CM केजरीवाल करेंगे बैठक
सीबीएसई और आईसीएसई दोनों को चार सप्ताह का समय देने से इनकार करते हुए, पीठ ने कहा, 'यदि आप चाहे तो रात भर में इसे कर सकते हैं, लेकिन हम आपको दो सप्ताह का समय दे रहे हैं. सभी बातचीत ऑनलाइन हो रही है, इसे दो सप्ताह में करें. आपको रात भर कार्य करना चाहिए.' न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने कहा, 'पिछले साल उन्होंने फैसला लिया था, वे और समय क्यों मांग रहे हैं.' पीठ ने कहा कि इस मामले में फैसला जल्दी लिया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसे कई छात्र हैं जो विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेना चाहते हैं. चार सप्ताह का समय देने से इनकार करते हुए, पीठ ने दोहराया, 'इसमें देरी होगी, तत्काल निर्णय लिया जाना चाहिए.'
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग