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लोकसभा चुनाव

कांग्रेस ने CAA पर देशव्यापी हिंसा का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ा, आजाद ने मोदी सरकार को 'असली मुजरिम' बताया

मोदी 2.0 सरकार को 'असली मुजरिम' करार देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार ने बगैर अंजाम की फिक्र किए संसद में 'अंवैधानिक' विधेयक को पारित करा कानून बनाया.

Updated on: 16 Dec 2019, 02:03 PM

highlights

  • गुलाम नबी आजाद ने कहा-मोदी सरकार ने बगैर अंजाम की परवाह किए CAA बनाया.
  • CAA पर झूठ और अफवाह से देश के असम समेत पश्चिम बंगाल सुलग उठे हैं.
  • अब यह आग उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई प्रदेशों में फैल गई है.

New Delhi:

नागरिकता संशोधन कानून 2019 के विरोध में देशव्यापी विरोध-प्रदर्शनों समेत रविवार को दिल्ली में जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के लिए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार के जिम्मेदार ठहराया है. मोदी 2.0 सरकार को 'असली मुजरिम' करार देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार ने बगैर अंजाम की फिक्र किए संसद में 'अंवैधानिक' विधेयक को पारित करा कानून बनाया. सीएए के विरोध में असम, पश्चिम बंगाल में फैली आग अब महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली को भी अपनी चपेट में ले चुकी है.

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जामिया हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की
जामिया मिलिया इस्लामिया हिंसा पर गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'बगैर कुलपति की अनुमति के पुलिस किसी भी विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं कर सकती है. अगर पुलिस को अनुमति नहीं दी गई थी, तो केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाली दिल्ली पुलिस ने परिसर में प्रवेश कैसे किया? हम पुलिस की इस अनिधकृत कार्रवाई की निंदा करते हैं और साथ ही न्यायिक जांच की मांग करते हैं.' गौरतलब है कि पुलिस पर आरोप है कि उसने बगैर अनुमति परिसर में न सिर्फ प्रवेश किया, बल्कि छात्रों को लाइब्रेरी, हॉस्टल में घुस कर मारा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि इस हिंसा के पीछे कांग्रेस का हाथ है. अगर कांग्रेस ऐसी हिंसा भड़काने में सक्षम में होती, तो आप (मोदी सरकार) सत्ता में नहीं होते. मैं इसकी निंदा करता हूं. सिर्फ सत्तारूढ़ दल, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उनका मंत्रिमंडल ही नागरिकता संशोधन कानून 2019 के लिए जिम्मेदार है.

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जामिया छात्रों संग हिंसा में 26 स्टूडेंट घायल
गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'आवाम नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ है. यही वजह है कि इसके विरोध में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत हर जगह विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. आवाम इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है.' गौरतलब है कि रविवार शाम सीएए की मुखालफत में ही जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के छात्र आंदोलनरत हो गए. इसके बाद पुलिस से हुई छात्रों की झड़प में 26 छात्र-छात्राओं समेत आधा दर्जन के लगभग पुलिस कर्मी भी घायल हुए. आंदोलनकारी छात्रों ने डीटीसी की बसों को आग के हवाले कर दिया और इसके साथ ही हिंसा बढ़ गई. यहां तक कि जल रही बसों को बुझाने पहुंचे फायर टेंडर को भी आग के हवाले कर दिए. इसकी चपेट में आकर दो अग्निशमन कर्मी भी घायल हो गए.

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पुलिस ने छात्रों के एक गुट पर हिंसक होने का आरोप लगाया
इस हिंसा पर दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने बयान जारी कर कहा कि छात्रों का एक गुट अचानक हिंसक हो गया और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. पत्थरबाजी की चपेट में स्थानीय घर भी आ गए. इसके बाद उपद्रवी छात्रों को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और छात्रों के पीछे नहीं हटने पर लाठी चार्ज कर दिया. गौरतलब है कि सीएए के खिलाफ देशव्यापी हिंसा पर सत्तारूढ़ और विपक्षी दल एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं.