logo-image

विलफुल डिफॉल्टर मामले में कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सफाई पर भी उठाए सवाल

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ट्ववीट पर लिखा है कि आम लोगों के पैसे को फरार और धोखेबाजों को देकर और उनको दिए कर्जों को नहीं लौटाने पर माफ करना सिस्टम की सफाई' नहीं है.

Updated on: 29 Apr 2020, 11:43 AM

नई दिल्ली:

देश के बैंकों के द्वारा तकनीकी तौर पर 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स के 68,607 करोड़ रुपए के कर्ज की बड़ी राशि को बट्टा खाते (Write Off) में डालने के मुद्दे ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है. कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के ऊपर काफी गंभीर आरोप लगाए हैं. इस मुद्दे पर आरोप और प्रत्यारोप की लड़ाई अब सोशल मीडिया पर पहुंच चुकी है. कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ट्ववीट पर लिखा है कि आम लोगों के पैसे को फरार और धोखेबाजों को देकर और उनको दिए कर्जों को नहीं लौटाने पर माफ करना सिस्टम की सफाई' नहीं है. इससे पूरे बैंकिंग सिस्टम की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ता है.

यह भी पढ़ें: Sensex Open Today: लगातार तीसरे दिन बढ़त के साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 200 प्वाइंट से ज्यादा बढ़ा

सुरजेवाला ने वित्त मंत्री से सवाल पूछे
सुरजेवाला ने वित्त मंत्री से सवाल पूछा है कि मोदी सरकार ने 2014-15 और 2019-20 के बीच 6,66,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण बट्टे खाते में क्यों डाले हैं और आरबीआई के द्वारा 24 अप्रैल, 2020 के 68,607 करोड़ रुपये के बैंक ऋण की आरटीआई से मिली जानकारी सही है गलत है. इसके लिए वित्त मंत्री को तथ्यों को घुमाने के बजाए सही सही उत्तर देने की जरूरत है.

बता दें कि वित्त मंत्री ने ट्वीट के जरिए मेहुल चोकसी मामले में जानकारी दी थी कि चोकसी की 1,936.95 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है. इसमें 67.9 करोड़ रुपये का विदेशी संपत्तियां भी शामिल हैं. 597.75 करोड़ की जब्ती भी की गई है. चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस भी जारी किया गया है. इसके अलावा चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ से अनुरोध किया गया है. वित्त मंत्री ने लिखा था कि भगोड़े अपराधी के रूप में मेहुल चोकसी के मामले की सुनवाई जारी है.

यह भी पढ़ें: Covid-19: मूडीज (Moody's) ने भारत की GDP को लेकर जारी किया नया अनुमान

सरकार की ‘जनधन गबन’ योजना का पर्दाफाश, 68,607 करोड़ रुपये के वारे न्यारे : कांग्रेस
कांग्रेस ने देश के कई बड़े पूंजीपतियों के 68,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बट्टे खाते में डाले जाने से जुड़ी खबर को लेकर मंगलवार को भी आरोप लगाया था कि कोरोना वायरस महामारी के समय नरेंद्र मोदी सरकार की ‘जनधन गबन’ योजना का पर्दाफाश हुआ है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर देश को जवाब देना चाहिए. उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘ बैंक लुटेरों द्वारा ‘पैसा लूटो-विदेश जाओ-लोन माफ कराओ’ ट्रैवल एजेंसी का पर्दाफाश हो गया है. ‘भगोड़ों का साथ - भगोड़ों का लोन माफ’ भाजपा सरकार का मूलमंत्र बन गया है.’’

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: आज सोने और चांदी में उतार-चढ़ाव की आशंका, जानिए क्या बनाएं रणनीति

उन्होंने कहा, ‘‘16 मार्च, 2020 को संसद में राहुल गांधी ने देश के सबसे बड़े 50 बैंक घोटालेबाजों के नाम मोदी सरकार से पूछे. वित्त मंत्री और सरकार ने षडयंत्रकारी चुप्पी साधकर ये नाम जगजाहिर करने से इंकार कर दिया.’’ सुरजेवाला के मुताबिक, ‘‘गत 24 अप्रैल को आरटीआई के जवाब में रिज़र्व बैंक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपया ‘माफ करने’ की बात स्वीकार की. इनमें भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी भी शामिल है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है. रोजी रोटी की मार के चलते देश के करोड़ों मजदूरों को शहर से गांव पलायन करना पड़ा है. सीएमआईई के मुताबिक, 14 करोड़ से अधिक लोग रोजगार से हाथ धो बैठे हैं. 1.13 करोड़ फौजी जवानों, सैन्य पेंशनभोगियों व सरकारी कर्मचारियों का 37,530 करोड़ रुपये का महंगाई भत्ता मोदी सरकार ने काट लिया है.’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘लघु उद्योग, दुकानदारी और व्यवसाय ठप्प हो गए हैं. पर शर्म की बात है कि इसके बावजूद मोदी सरकार द्वारा बैंक चूककर्ताओं को 68,607 करोड़ रुपये की माफी दी जा रही है. इससे मोदी सरकार की ‘जन-धन-गबन’ योजना का पर्दाफाश हुआ है.’’

यह भी पढ़ें: Coronavirus (Covid-19): लॉकडाउन की वजह से इस राज्य को हो चुका है हजारों करोड़ रुपये का नुकसान

उन्होंने यह दावा भी किया कि मोदी सरकार ने 2014-15 से 2019-20 के दौरान बैंक घोटालेबाजों का 6,66,000 करोड़ रुपये छोड़ दिया. उनके मुताबिक, इसमें भी, 2014-15 से सितंबर, 2019 तक 100 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज लेने वाले बैंक घोटालेबाजों का 5,10,014 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया. कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी मौन नहीं रह सकते और उन्हें देश को जवाब देना चाहिए.