Chhath Parv: बिहार में कहां और कब सबसे पहले मनाया गया छठ पर्व
बिहार में मनाया जाने वाला छठ का पर्व अब पूरे देश में ही नहीं प्रसिद्ध है बल्कि विदेश में भी लोग इसे जानने लगे हैं. यह पर्व सबसे पहले कहां मनाया गया और किसने मनाया, ये जानना भी बहुत रोचक है.
नई दिल्ली :
बिहार सहित देश के तमाम स्थानों पर छठ पर्व मनाया जा रहा है. बुधवार (10 नवंबर) को शाम का अर्घ्य दिया गया और अब 11 नवंबर को सुबह अर्घ्य दिया जाएगा. छठ पर्व मूलतः बिहार से शुरू हुआ ये तो सब जानते हैं लेकिन बिहार में कब और कहां सबसे पहले ये पर्व मनाया गया ये बहुत कम लोग जानते हैं. दरअसल, इसके बारे में अलग-अलग मान्यता प्रचलित हैं. गया जिले के रहने वाले लोक कलाकार एवं बिहार की संस्कृति पर डॉक्यूमेंट्री फिल्में बना चुके धर्मवीर भारती ने बताया कि बिहार के गया, पटना और नालंदा जिले के आसपास का इलाका पहले मगध क्षेत्र कहलाता था. लोक मान्यता है कि द्रौपदी इसी क्षेत्र की रहने वाली थीं और उन्होंने सबसे पहले छठ पूजन किया.
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वहीं, दूसरी ओर बिहार के ही मिथिला क्षेत्र में अलग मान्यता है. यह क्षेत्र माता सीता की जन्मभूमि माना जाता है. मिथिला के पास दरभंगा जिले के संतोष मुखिया ने बताया कि यहां के लोगों की मान्यता है कि सबसे पहले माता सीता ने मुंगेर में गंगा तट पर छठ पूजन किया था. दावा तो यहां तक किया जाता है कि इसके प्रमाण के तौर पर आज भी माता सीता के चरण चिह्न मौजूद हैं.
वहीं, मुंगेर जिले में इससे अलग ही मान्यता जुड़ी हुई है. यहां के लोगों के दावा है कि यह क्षेत्र महाभारत काल में अंग देश कहलाता था और सूर्यपूत्र कर्ण यहां के शासक थे. कर्ण सूर्य की कठिन उपासना करते थे और उन्हीं के बाद छठ पूजन का पर्व प्रचलन में आया. इस तरह तमाम मान्यताओं से जुड़ा यह पर्व पूरे देश में आज लोकप्रिय हो चुका है.
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