टिकट आवंटन को लेकर 'परिवार राज' की अवधारणा पर जेपी नड्डा ने कही ये बात
नड्डा 2022 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के संगठनात्मक मामलों की देखरेख के लिए गोवा में थे और उनसे सवाल किया जा रहा था कि क्या पार्टी एक परिवार के सदस्यों को एक से अधिक टिकट देने पर विचार करेगी.
नई दिल्ली :
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने रविवार को 'पारिवारिक राज' की धारणा और चुनावी टिकटों के वास्तविक आवंटन के बीच अंतर करने की अपील की. नड्डा ने कहा कि दोनों को आपस में जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. नड्डा ने रविवार को पणजी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'पारिवारिक राज' और टिकटों के आवंटन में अंतर है. बाद वाले को परिवार राज से नहीं जोड़ा जा सकता. परिवार राज तब होता है जब आप किसी और को पार्टी में उठने नहीं देते हैं और एक पूरी पार्टी एक परिवार के बारे में गदगद हो जाती है, वह पारिवारिक राज है. नड्डा 2022 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के संगठनात्मक मामलों की देखरेख के लिए गोवा में थे और उनसे सवाल किया जा रहा था कि क्या पार्टी एक परिवार के सदस्यों को एक से अधिक टिकट देने पर विचार करेगी.
उन्होंने कहा, जहां तक हमारे चुनाव की बात है, हम गुण-दोष के आधार पर फैसला करते हैं. हम चुनाव से पहले सब कुछ तय कर लेंगे. इसके बारे में मैं नहीं कह सकता, लेकिन मेरी चुनाव समिति फैसला करेगी और हम उसी के अनुसार देखेंगे. हम सभी को शामिल करने और पार्टी को आगे ले जाने के लिए तैयार हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा 2022 के चुनावों के लिए एक परिवार के सदस्यों को एक से अधिक चुनावी टिकट देने पर विचार करेगी, नड्डा ने कहा, यह चुनाव समिति के सदस्यों, उनके दृष्टिकोण, जमीनी स्तर पर उनकी समझ पर निर्भर करता है.
पेगागस जासूसी मुद्दे को बताया बेबुनियाद
वहीं इस दौरान जेपी नड्डा से जब पत्रकारों ने पेगासस जासूसी विवाद पर सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि, यह पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद है.. यह कोई मुद्दा ही नहीं है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के पास कोई मुद्दा ही नहीं है जिसे वे लोगों की खातिर उठा सकें. इसलिए वे इस प्रकार का मुद्दा उठाते हैं.
आपको बता दें कि पिछले रविवार को एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया गठबंधन ने खबर दी थी कि 300 से अधिक असत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाईवेयर के मार्फत हैकिंग के लिए निशाना बनाया गया, इन नंबरों में दो मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी दलों एवं बहुत सारे उद्योगपतियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के नंबर शामिल हैं. हालांकि, सरकार इस मामले में विपक्ष के सभी आरोपों से इनकार कर रही है.
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