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OBC बैंक घोटाले में कैप्टन अमरिंदर के दामाद का आया नाम, कांग्रेस के ट्वीट डिलीट करने पर शाह ने ली चुटकी

यूपी की सिंभावली शुगर लिमिटेड कंपनी पर सीबीआई ने 97.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की है।

Updated on: 26 Feb 2018, 06:27 PM

नई दिल्ली:

पीएनबी के बाद OBC बैंक फ्रॉड सामने आने के बाद कांग्रेस-बीजेपी में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। यूपी की सिंभावली शुगर लिमिटेड कंपनी पर सीबीआई ने 97.85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की है।

इसी को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला करते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक वेबसाइट की खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया था कि, 'ताजा घोटाला! मोदी सरकार की नाक के नीचे खुलेआम बैंक लूट का एक और मामला उजागर।'

इसी मामले में सीबीआई ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद समेत 13 लोगों पर केस दर्ज किया है।

अमरिंदर सिंह के दामाद और सिंभावली शुगर लिमिटेड कंपनी के डीजीएम गुरपाल सिंह का नाम सीबीआई की एफआईआर में सामने आने के बाद कांग्रेस की तरफ से घोटाले वाले ट्वीट को डिलीट कर दिया गया।

कांग्रेस के ट्वीट डिलीट करते ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसपर ट्वीट कर चुटकी ली और कांग्रेस पर हमला बोल दिया।

अमित शाह ने ट्वीट के जरिए निशाना साधते हुए लिखा, कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद का नाम आने पर इस ट्वीट को क्यो हटा लिया गया। कांग्रेस हमेशा अपनी डकैती, गड़बड़ी, एनपीए, विजय माल्या और नीरव मोदी को दोनों हाथों से धन दिया और लुटाया है। अब इसकी सुर्खियां बताने में भी आगे रही है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'यह बेहद शर्मनाक है कि गरीब और मेहनत करने वाले किसानों का पैसा सीएम अमरिंदर सिंह के दामाद की जेब में गया।'

क्या है पूरा घोटाला

बैंक की ओर से दायर की गई शिकायत में कहा गया है कि कंपनी ने साल 2011 में रिजर्व बैंक की गन्‍ना किसानों के लिए लाई गई योजना के तहत 97.85 करोड़ का लोन लिया था।

इस रकम को गन्‍ना किसानों को वित्‍तीय मदद के रूप में बांटना था, लेकिन कंपनी ने फर्जीवाड़ा करके इस रकम को अपने काम के लिए खर्च कर लिया। 31 मार्च 2015 को यह लोन एनपीए बन गया।

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जिसके बाद कंपनी ने पिछले लोन को चुकाने के लिए 110 करोड़ रु का नया लोन लिया। एफआईआर के अनुसार दूसरे लोन को नोटबंदी के 20 दिन बाद 29 नवंबर 2016 को एनपीए घोषित कर दिया गया।

एफआईआर के अनुसार बैंक से 97.85 करोड़ रु की धोखाधड़ी का मामला है लेकिन असल में बैंक को 109.08 करोड़ रु का नुकसान हुआ है।

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