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बिना ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और आरसी (RC) के आप अब सड़क पर दौड़ा सकेंगे गाड़ी, पढ़ें क्यों?

देश में सड़क पर गाड़ी चलाने के लिए ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी की आरसी बेहद जरूरी होती है. गाड़ी का इंश्योरेंस और पॉलुशन सर्टिफिकेट भी जरूरी होता है.

Updated on: 10 Aug 2018, 07:13 PM

नई दिल्ली:

देश में सड़क पर गाड़ी चलाने के लिए ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence DL) और गाड़ी की आरसी (Registratin copy RC) बेहद जरूरी होती है. गाड़ी का इंश्योरेंस और पॉलुशन सर्टिफिकेट भी जरूरी होता है. आपको जब भी सड़क पर उतरना होता है तब आपको ये पेपर अपने पास जरूरी रखना होता है. जैसे ही कोई भूल हुई, ट्रैफिक का नियम तोड़ा, लाल बत्ती क्रास की, पुलिस वाला आकर आपसे सबसे पहले यही मांगता है. लेकिन अब आपको इन पेपरों को अपने पास रखने से छूट मिल जाएगी.

ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण सर्टिफिकेट को भौतिक रूप से साथ रखने की अनिवार्यता को खत्म करते हुए सरकार ने राज्यों को सलाह जारी की है कि वे इस प्रकार के सभी दस्तावेजों को डिजिलॉकर या एमपरिवहन प्लेटफार्म के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक फार्म में प्रस्तुत किए जाने पर स्वीकार करें. सड़क परिवहन और राजगार्म मंत्रालय ने राज्यों को कहा कि आधिकारिक प्लेटफार्मो के माध्यम से प्रस्तुत इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज ड्राइविंग परिवहन प्राधिकरणों द्वारा जारी प्रमाणपत्रों के बराबर माना जाएगा.

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आधिकारिक बयान में कहा गया, "मंत्रालय को कई शिकायतें/आरटीआई आवेदन मिले हैं कि जहां नागरिकों ने शिकायत की है कि डिजिलॉकर या एमपरिवहन एप में उपलब्ध दस्तावेजों को ट्रैफिक पुलिस या मोटर वाहन विभाग द्वारा वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं किया जा रहा है."
 
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सलाह में स्पष्ट किया गया है कि दोनों प्लेटफार्म में नागरिकों को दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा है. इसमें कहा गया कि नए वाहनों के बीमा और पुराने वाहनों के बीमा रिन्युबल की जानकारी भी बीमा सूचना बोर्ड द्वारा दैनिक आधार पर अपलोड की जा रही है और यह मंत्रालय के एमपरिवहन और ईचालान एप में भी दिखता है.
 
बयान में कहा गया, "एमपरिवहन या ईचालान एप पर वाहन के पंजीकरण विवरण के साथ अगर बीमा का विवरण भी उपलब्ध मिलता है तो बीमा सटिर्फिकेट के भौतिक प्रति की आवश्यकता नहीं है." मंत्रालय ने यह भी कहा कि किसी अपराध के मामले में ऐसे दस्तावेजों को भौतिक रूप से जब्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां 'ईचालान' प्रणाली के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से जब्त कर सकते हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस में दिखेगा.


बयान में कहा गया, "सर्टिफिकेट्स के आई-टी आधारित ऑनलाइन वेरिफिकेशन से कानून प्रवर्तन प्राधिकरण को विवरणों की सत्यता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, जिससे बेहतर अनुपालन और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित होगी."