गर्भवति महिला के लिए खतरनाक होती है गेस्टेशनल डायबिटीज, जानें इसके बचाव और लक्षण
हम आपको गर्भावस्था में डायबिटीज के कुछ कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, मगर ध्यान रहे कि, गर्भावस्था में डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि महिला नियमित रूप से अपने डॉक्टर के साथ मिले और सही तरीके से उपायों का पालन करें.
नई दिल्ली :
गर्भावस्था में डायबिटीज को "गेस्टेशनल डायबिटीज" कहा जाता है, और यह एक स्थिति है जिसमें गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज हो जाती है. यह स्थिति आमतौर पर गर्भावस्था के तिसरे तिमाही से लेकर चौथे महीने में विकसित हो सकती है, जब मां और बच्चे की आंखें विकसित हो रही होती हैं. यहां हम आपको गर्भावस्था में डायबिटीज के कुछ कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, मगर ध्यान रहे कि, गर्भावस्था में डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि महिला नियमित रूप से अपने डॉक्टर के साथ मिले और सही तरीके से उपायों का पालन करें.
ये हैं गर्भावस्था में डायबिटीज के मुख्य कारण:
- हार्मोनल परिवर्तन: गर्भावस्था के दौरान, माँ के शरीर में विभिन्न हार्मोनों में बदलाव होता है, जिससे इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग किया नहीं जा सकता है.
- गर्भावस्था के बढ़ते अवसाद: गर्भावस्था के दौरान बढ़ते अवसाद और शरीर में ज़्यादा वसा का निर्माण हो सकता है, जिससे इंसुलिन का सही तरीके से काम नहीं करता है.
- गेनेटिक प्रभाव: यदि किसी के परिवार में पहले से ही डायबिटीज है, तो इसका गर्भावस्था में होने का खतरा बढ़ सकता है.
गर्भावस्था में डायबिटीज के लक्षण:
- बढ़ी हुई प्यास और बार-बार मूत्र आना
- बढ़ी हुई भूख और वजन कमी
- थकान और उबकाई
- कमजोरी और चक्कर आना
- आँखों में धुंधलापन
गर्भावस्था में डायबिटीज का इलाज और उपाय:
आहार संज्ञान रखना: स्वस्थ आहार और विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार खाना बनाना और खाना खाना महत्वपूर्ण है.
नियमित रूप से अल्ट्रासाउंड करवाना: गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से डायबिटीज की अल्ट्रासाउंड करवाना आवश्यक है ताकि किसी भी समस्या को सही समय पर पहचाना जा सके.
व्यायाम करना: स्वास्थ्य स्थिति और डायबिटीज के स्तर को नियंत्रित करने के लिए योग, व्यायाम और ताजगी भरे व्यायाम का अभ्यास करना बेहद महत्वपूर्ण है.
इंसुलिन और दवाओं का सही तरीके से लेना: डॉक्टर की सलाह और निरीक्षण के अनुसार इंसुलिन और दवाएं सही तरीके से लेना महत्वपूर्ण है.
मातृत्व देखभाल का पालन करना: गर्भावस्था के दौरान अच्छे मातृत्व देखभाल का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि माँ और शिशु दोनों की स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Vastu Tips: दक्षिण दिशा में मुख करके पूजा करना शुभ या अशुभ? कहीं आप तो नहीं कर रहें ये गलती
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Surya Dev ki Aarti: रविवार के दिन जरूर पढ़ें सूर्यदेव की ये आरती, जीवन में आएगा बड़ा बदलाव!
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक