Urinary Tract Infection: महिलाओं के लिए खतरनाक होता है UTI, जानें इसे बचने के उपाय
मूत्र पथ संक्रमण सबसे आम प्रकार के संक्रमणों में से एक है जिससे एक महिला पीड़ित होती है. यह तब होता है जब बैक्टीरिया गुदा या मलाशय से मूत्रमार्ग में प्रवेश करते हैं और मूत्र पथ को संक्रमित करते हैं.
नई दिल्ली:
Urinary Tract Infection: UTI का पूरा नाम 'यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन' होता है, जिसे हिंदी में 'मूत्रमार्ग संक्रमण' कहा जाता है. यह एक सामान्य बीमारी है जो किसी भी वयस्क या बच्चे को हो सकती है. UTI में विभिन्न मूत्रमार्ग के अंगों में संक्रमण होता है, जैसे कि ब्लैडर, किडनी, या यूरेथ्रा (मूत्रमार्ग). यह संक्रमण कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि बैक्टीरिया का एंट्री, डायबिटीज, गर्भावस्था, स्त्रीवार्गिक संक्रमण, और निर्दोष जीवनशैली. इसके लक्षण में मूत्रमार्ग में दर्द, जलन, या चिपचिपा मूत्र शामिल हो सकते हैं. यदि संक्रमण बढ़ जाता है, तो पेशाब में खून, तापमान का बढ़ना, या पेशाब के नियमित निकालने में कठिनाई हो सकती है.
मूत्र पथ संक्रमण सबसे आम प्रकार के संक्रमणों में से एक है जिससे एक महिला पीड़ित होती है. यह तब होता है जब बैक्टीरिया गुदा या मलाशय से मूत्रमार्ग में प्रवेश करते हैं और मूत्र पथ को संक्रमित करते हैं. यूटीआई के सामान्य लक्षणों में पेशाब करने की इच्छा बढ़ना, पेशाब करते समय दर्द होना और पेशाब में खून आना शामिल हैं. यूटीआई से बचने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं. हाइड्रेटेड रहना जरूरी है. उचित पेशाब करने से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है.
UTI को रोकने के तरीके:
प्राथमिक हाइजीन: साफ सफाई का ध्यान रखें, विशेष रूप से प्राइवेट रीजन को स्वच्छ और सूखा रखें.
पेशाब करने के बाद साफी: पेशाब करने के बाद प्राइवेट रीजन को साफ करें और अंदर रखें.
सही तरीके से संभोग: हाइजीन के नियमों का पालन करें और संभोग के बाद शौचालय में जाएं.
हाइड्रेशन: प्रतिदिन पानी पीने का अच्छे से साही ध्यान रखें, जिससे आपकी शरीर में विषाणुओं का उत्सर्जन होता है.
सही धारणा: सही अंतर्निहित गर्मजोषी के कपड़े पहनें और साफ-सुथरे चादर का उपयोग करें.
प्राकृतिक लाभ: कौटिल्य मूत्राश्म का उपयोग करें, जो विषाणुसंरक्षण गुणों से भरपूर होता है.
पेशाब अवरोधकों से बचें: लंबी दूरी की यात्रा के दौरान पेशाब करने से बचें.
स्वस्थ आहार: खाद्य में प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स शामिल करें जो आपकी सामान्य आंतरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं.
पैंटेंसी के बाद सही देखभाल: गर्भावस्था के दौरान समुचित देखभाल और सही ध्यान रखें.
समय पर इलाज: यदि आपको UTI के लक्षण हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उपचार करवाएं.
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