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Tuberculosis: ट्यूबर्क्यूलोसिस कैसे आपके फेफड़ों को करती है बीमार, जानें इसके लक्षण और इलाज

Tuberculosis: क्षयरोग बैक्टीरिया व्यक्ति के श्वसन तंत्र मे प्रवेश कर फेफड़ों को प्रभावित करता है, आइए जाने क्या है इसके लक्षण और इलाज

Updated on: 26 Jan 2024, 03:44 PM

नई दिल्ली:

Tuberculosis: क्षयरोग (टी.बी) एक संक्रामक बीमारी है जो बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम क्षयरोग के कारण होती है. यह बीमारी आमतौर पर फेफड़ों में होती है, लेकिन इसका प्रभाव किसी भी अंग में हो सकता है, जैसे कि गला, हड्डियां, या शरीर के अन्य भाग. यह बीमारी वायरस के बाद सबसे अधिक मौतों का कारण है. इसके लक्षण में खांसी, थकान, वजन कम होना, और बुखार शामिल हो सकते हैं. क्षयरोग को रोकने के लिए टीकाकरण, अन्य बीमारियों का समय पर इलाज, और साफ-सफाई में सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है. क्षयरोग का बैक्टीरिया व्यक्ति के श्वसन तंत्र में प्रवेश करता है और फेफड़ों में स्थानांतरित होता है. जब इस बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति छींकता, खासतौर पर छींकने के समय, तो यह बैक्टीरिया हवा में फैल जाता है, जिससे अन्य लोग संक्रमित हो सकते हैं. WHO (World Health Organization)के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 2021 में क्षयरोगमें 4.94 लाख लोगों की मौत हुई थी, जबकि, 2022 में ये आंकड़ा घट कर 3.31 लाख पर आ गया. आइए जानें क्षयरोग के कारण: 

कमजोर रोग प्रतिरोधक शक्ति: यह रोग व्यक्ति की कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण होती हैं, जो अन्य संक्रमणों के खिलाफ रक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं.

धूल से जाना: धूल में अधिक देर तक रहने से आदमी बीमार हो सकता है क्योंकि यह धूल में भी रहता है और साँस लेने पर व्यक्ति के फेफड़ों में प्रवेश कर सकता है.

भोजन की कमी: खाने में पोषण की कमी भी इस बीमारी का कारण बन सकती है.

तनाव: तनाव या चिंता भी इस रोग का कारण बन सकती है.

अत्यधिक शराब का सेवन: अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से भी व्यक्ति इस बीमारी का शिकार हो सकता है.

क्षयरोग के लक्षण

खांसी: खांसी एक सामान्य लक्षण है, जो कभी-कभी खून के साथ हो सकती है.

थकान: असामान्य थकान और कमजोरी का अनुभव हो सकता है.

वजन में कमी: बिना किसी कारण के वजन में कमी हो सकती है.

बुखार: रोजाना होने वाला अनियमित बुखार.

रात को पसीना: रात को अधिक पसीना आना.

छाती में दर्द: छाती में दर्द और श्वास की समस्या.

खाना न चबाने में कठिनाई: खाना न चबाने में कठिनाई और अपच की समस्या.

अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण हैं, तो उसे क्षयरोग हो सकता है, और उसे तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.

क्षयरोग का इलाज

क्षयरोग का इलाज कई तरह से किया जा सकता है। इसका प्रमुख इलाज एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग होता है, जो कि डॉक्टर की सलाह के अनुसार लिया जाना चाहिए। यह दवाएँ आमतौर पर कुछ महीनों या वर्षों तक ली जाती हैं और सख्ती से अनुसरण किया जाना चाहिए।

इसके अलावा, क्षयरोग के इलाज में ये उपाय भी लिए जा सकते हैं:

स्वस्थ आहार: स्वस्थ और पोषणपूर्ण आहार का सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है.

पूरा आराम: पर्याप्त आराम और नींद का ध्यान रखें.

डॉक्टर के सुझाव का पालन: डॉक्टर द्वारा दी गई निर्देशों और सलाह का पालन करें.

हाइजीन और साफ-सफाई: साफ-सफाई और हाइजीन का ध्यान रखें, ताकि बैक्टीरिया का प्रसार रोका जा सके.

रोग प्रतिरोधक ताकत को बढ़ावा देना: स्वस्थ रहें, योग और व्यायाम करें, ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक ताकत मजबूत हो.

इन उपायों का पालन करके और नियमित रूप से दवाओं का सेवन करके, क्षयरोग का सफल इलाज किया जा सकता है। अपने चिकित्सक से सलाह लेकर हमेशा सही इलाज के लिए सतर्क रहें.