डॉक्टर के पास जाकर नहीं, अब ऐसे पता लगाएं बीमारी
बीमारी के इस भयानक दौर में हाइजीन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. हाइजीनिक खाना खाना और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी प्रकार की अनहाइजीनिक चीज़ों से दूर रहना भी बेहद जरूरी है. मगर स्वस्थ रखने की जल्दबाज़ी में एक चीज़ पर अक्सर ध्यान देना भूल जाते हैं.
highlights
- जीभ का रंग बीमारी से पहचान करा सकता है.
- जीभ का रंग लाल होने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती है.
- रोज़ ब्रश ना करने से दांतों और मसूड़ों के बीच में मैल जमा होना शुरू हो जाता है.
नई दिल्ली:
बीमारी के इस भयानक दौर में हाइजीन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. हाइजीनिक खाना खाने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी तरह की अनहाइजीनिक चीज़ों से दूर रहना भी बेहद जरूरी है. मगर स्वस्थ रहने की जल्दबाज़ी में हम एक चीज़ पर अक्सर ध्यान देना भूल जाते हैं. जो कि मुंह की सफाई है. जितना ख्याल हम शरीर का रखते हैं. उससे कही ज़्यादा ध्यान ओरल हाइजीन का रखना ज़रूरी होता है क्योंकि मुंह की सफाई ठीक तरीके से ना होने पर मसूड़ों में सूजन, दांतों से खून, सांसों की दुर्गंध और मुंह में छाले जैसी प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है जो कि आगे चलकर गंभीर और जानलेवा बीमारी का रूप ले सकती हैं.
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इसके अलावा, आइसक्रीम खाने से सेंसिटिविटी की परेशानी और जीभ का बदलता रंग जैसी दिक्कते हो सकती हैं. जो आपकी वीक ओरल हेल्थ की ओर इशारा करती है. बता दें कि, ओरल हेल्थ का ध्यान रखना केवल ब्रश करना नहीं होता. बल्कि रोज़ाना की अपनी दिनचर्या में कुछ ऐसे नियमों को अपनाना जरूरी होता है जो आपके स्वस्थ मुंह के लिए बेहद ज़रूरी है. इसीलिए आज हम आपके लिए ऐसे उपाय लाए हैं, जो मुंह की परेशानियों से छुटकारा दिलाने में मदद करेंगे. साथ ही ये भी बताएंगे कि इन परेशानियों के पीछे का कारण क्या होता है?
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जीभ का रंग आपको आपकी बीमारी से पहचान करा सकता है. ये सुनने में शायद चौंकाने वाली बात होगी. लेकिन, ये सही है. अगर जीभ का रंग लाल होता है तो शरीर में पानी की कमी होने लगती है. वहीं दूसरी ओर अगर जीभ का रंग नीला पड़ने पर सांस से संबंधित बीमारियां हो सकती है. जीभ की सही से सफाई ना करने पर जीभ का रंग सफेद पड़ जाता है. वहीं गलत टूथब्रश इस्तेमाल करने पर जीभ पर काले धब्बे पड़ जाते हैं. मसूड़ों के कमज़ोर होने पर दांतों पर असर होना शुरू हो जाता है. रोज़ ब्रश ना करने से दांतों और मसूड़ों के बीच में मैल जमा होना शुरू हो जाता है. जिससे दांतों की जड़े कमज़ोर होने लगती हैं. दांतों के खराब होने पर जबड़ों में झन्नाटेदार दर्द होना शुरू हो जाता है. आइसक्रीम जिसे बेहद शौक से खाया जाता है. वो भी सेंसिटिविटी की परेशानी पैदा करती हैं. इन परेशानियों से बचने के लिए दिन में दो बार ब्रश और सॉफ्ट टूथब्रश इस्तेमाल करने से, हफ्ते या 15 दिन में अपने मुंह की जांच कराने से और मिठाई, कोल्ड ड्रिंक, जंक फूड आदि की बजाय हरी सब्जियां खाने से ये परेशानियां कम हो जाती हैं.
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