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Late Pregnancy: जानें लेट प्रेगनेंसी से होने वाली परेशानियां और बरतें ये सावधानियां

लेट प्रेगनेंसी में ये सावधानियां बरतनी चाहिए. नियमित रूप से डॉक्टर से मिलें. डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की जांच करेंगे और किसी भी जटिलता का पता लगाने में मदद करेंगे.

Updated on: 28 Feb 2024, 08:05 PM

नई दिल्ली:

Late Pregnancy: लेट प्रेगनेंसी एक मानसिक स्थिति होती है जब एक महिला अपने जीवन में संतान प्राप्ति के लिए वांछित समय के बाद प्रेगनेंट होती है. इसमें व्यक्तिगत और सामाजिक कारकों का अधिक महत्व होता है. इस स्थिति में, महिला को अपनी संतान के प्राप्ति के लिए उम्र में बढ़ावा होता है, जिससे वह अधिक चिंतित हो सकती हैं. लेट प्रेगनेंसी के कारणों में उम्र, रिश्तेदारी, पारिवारिक प्रभाव, वित्तीय स्थिति, भौतिक स्वास्थ्य, और अन्य विभिन्न कारकों का असर होता है. इस स्थिति में, महिला को मानसिक और शारीरिक समर्थन की आवश्यकता होती है, ताकि वह स्वास्थ्यपूर्ण और सुरक्षित रूप से गर्भावस्था का सामना कर सके. लेट प्रेगनेंसी में  गर्भावस्था के अंतिम चरण (37वें हफ्ते से लेकर बच्चे के जन्म तक) में कई परेशानियां हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं.

लेट प्रेगनेंसी में ये सावधानियां बरतनी चाहिए. नियमित रूप से डॉक्टर से मिलें. डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की जांच करेंगे और किसी भी जटिलता का पता लगाने में मदद करेंगे. स्वस्थ भोजन खाएं पौष्टिक भोजन खाएं जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दुग्ध उत्पाद शामिल हों. खूब पानी पीएं, निर्जलीकरण से बचने के लिए खूब पानी पीएं. नियमित व्यायाम करें हल्के व्यायाम, जैसे कि पैदल चलना, गर्भावस्था के दौरान फायदेमंद होता है. पर्याप्त नींद लें गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है.

1. थकान और कमजोरी: गर्भाशय के बढ़ने के कारण, थकान और कमजोरी महसूस होना आम बात है.

2. सांस लेने में तकलीफ: बढ़ता हुआ गर्भाशय फेफड़ों को दबा सकता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.

3. पीठ दर्द: गर्भाशय के बढ़ने और बच्चे के वजन के कारण पीठ दर्द हो सकता है.

4. पेट में ऐंठन: बच्चे के जन्म की तैयारी के दौरान पेट में ऐंठन हो सकती है.

5. सूजन: पैरों, टखनों और चेहरे में सूजन हो सकती है.

6. कब्ज: हार्मोनल परिवर्तन और गर्भाशय के दबाव के कारण कब्ज हो सकती है.

7. बार-बार पेशाब आना: बच्चे के सिर का दबाव मूत्राशय पर पड़ने के कारण बार-बार पेशाब आने की इच्छा होती है.

8. नींद में तकलीफ: बढ़ते हुए पेट और बच्चे की गतिविधियों के कारण नींद में तकलीफ हो सकती है.

9. योनि से स्राव: गर्भावस्था के अंतिम चरण में योनि से स्राव अधिक हो सकता है.

10. उच्च रक्तचाप: कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के अंतिम चरण में उच्च रक्तचाप हो सकता है. 

तनाव से बचें, तनाव से बचने के लिए योग, ध्यान या अन्य विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें. धूम्रपान और शराब से दूर रहें धूम्रपान और शराब गर्भावस्था के दौरान आपके और आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं. भारी वस्तुओं को उठाने से बचें भारी वस्तुओं को उठाने से बचें, क्योंकि इससे पीठ दर्द और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं. यात्रा करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें. गर्भावस्था के अंतिम चरण में यात्रा करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें. किसी भी असामान्य लक्षण के बारे में डॉक्टर को बताएं.अगर आपको कोई असामान्य लक्षण, जैसे कि योनि से रक्तस्राव, पेट में तेज दर्द, या उच्च रक्तचाप, तो तुरंत डॉक्टर को बताएं. 

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर महिला का अनुभव अलग होता है. कुछ महिलाओं को लेट प्रेगनेंसी में बहुत कम परेशानी होती है, जबकि अन्य को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. अगर आपको कोई चिंता है, तो डॉक्टर से बात करने में संकोच न करें.