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Zeenat Aman: जब देव आनंद का टूटा था दिल, जीनत अमान ने कहा-प्यार को लेकर हुई बड़ी गलतफहमी..

जीनत अमान (Zeenat Aman) के इंस्टाग्राम पोस्ट का तीसरा और अंतिम भाग इस तरह शुरू होता है, उन्होंने कहा, “जब मैंने अपने सिनेमाई करियर की शुरुआत की

Updated on: 28 Apr 2023, 10:13 PM

मुंबई :

जीनत अमान (Zeenat Aman) के इंस्टाग्राम पोस्ट का तीसरा और अंतिम भाग इस तरह शुरू होता है, उन्होंने कहा, “जब मैंने अपने सिनेमाई करियर की शुरुआत की, तो वह गोल्डन ट्रायो की उम्र थी. देव साब, दिलीप कुमार और राज कपूर के टैलेंट को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया था. देव साहब ने पहले ही मेरे करियर की शुरुआत कर दी थी और अब मैं अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करना चाहती था.” राज कपूर के साथ अपने जुड़ाव के बारे में ज़ीनत ने कहा, “अगले कुछ सालों  में मैंने उनके साथ और उनके बिना कई फिल्मों में एक्टिंग की है.'' 

इस बीच, राज जी की 1973 में रिलीज बॉबी एक ब्लॉकबस्टर हिट रही जिसने हर पुरस्कार की झड़ी लगा दी थी. हम एक-दूसरे को सामाजिक रूप से भी जानते थे, सार्वजनिक कार्यक्रमों में  अभिवादन का आदान-प्रदान करते थे. वह वकिल बाबू और गोपीचंद जासूस में मेरे को-स्टार भी थे. स्वाभाविक रूप से मैं आरके बैनर के तहत उनके द्वारा निर्देशित होना चाहती था, और जब अवसर मिला तो मैं इसके लिए आगे बढ़ गई. मैं एसएसएस कैसे उतरी इसकी कहानी सबको पता ही है, इसलिए मैं इसे दोहराऊंगी नहीं. मुझे राज जी के अपरंपरागत प्रोजेक्ट के लिए कास्ट किए जाने और उसमें जी-जान लगा देने का गर्व था. मैं इस बात से पूरी तरह अनजान थी कि देव साहब सारी परिस्थित को गलत समझ रहे थे. 

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 ऐसे टूटा था देव आनंद का दिल

गलतफहमी को याद करते हुए जीनत अमान ने लिखा, “सालों बाद, 2007 में, ‘रोमांसिंग विद लाइफ’, देव साब की बॉयोग्राफी ने स्टैंड लिया.  इसमें उन्होंने स्वीकार किया कि वह मुझसे प्यार करते थे, और इशारा किया कि राज जी और मेरे बीच निर्देशक-अभिनेता के अलावा भी बहुत कुछ था, जिसने उनका दिल तोड़ दिया. जीनत अमान ने आगे कहा, सच कहूं तो मुझे जलन हो रही थी.  मैंने अपमानित, आहत और निराशावादी महसूस किया कि देव साब, मेरे बहुत पुराने गुरु, एक व्यक्ति जिसे मैं प्यार करती था और प्लेटोनिक रूप से प्रशंसा करती था.उनकी तरफ से लिखी गई कहानी पूरी दुनिया पढे़गी.''

जीनत  ने आगे लिखा, ''हफ्तों तक मेरा फोन लगातार बजता रहा क्योंकि दोस्तों ने "वास्तव में क्या हुआ" के बारे में पूछताछ की और पुस्तक के कुछ अंश साझा किए. हालांकि मैंने इसे कभी नहीं पढ़ा, और अपने गुस्से में मैंने वह प्रति भेज दी. कुछ टाइम बाद सुलह करने के बाद जीनत ने निष्कर्ष निकाला, “ये एक बहुत बड़ी गलफहमी  थी जो देव साहब को हो गई थी.  इस गलतफहमी ने  मुझे गहराई से शर्मिंदा किया. सालों  तक मैंने महसूस किया कि रिकॉर्ड को ठीक करने के लिए मैं इसके बारे में बात नहीं कर सकती.  लेकिन अब, समय ने मुझे धीरे धीरे जीवन में शातिं प्रदान की है.''