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Gandhi Jayanti 2023: देश की वो महान महिलाएं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में दिया हर कदम पर गांधी जी का साथ...

Gandhi Jayanti 2023: इस आर्टिकल में हम उन महान महिलाओं के बारे में जानेंगे जिन्होंने मोहनदास करमचंद गांधी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

Updated on: 29 Sep 2023, 08:16 PM

नई दिल्ली:

Gandhi Jayanti 2023: 2 अक्टूबर को पूरा देश गांधी जयंती मनाता है, वैसे तो गांधीजी के जीवन में ऐसे कई लोग रहे हैं जिन्होंने अहिंसा के रास्ते पर उनका साथ दिया, लेकिन देश की कुछ महान महिलाएं भी हैं जिन्होंने देश के लिए लड़ाई में बापू का अनुसरण किया. इस आर्टिकल में हम उन महिलाओं के बारे में जानेंगे, जिन्होंने मोहनदास करमचंद गांधी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 1930 के दशक में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, गांधीजी ने महिलाओं को पुरुषों के समान सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया. नमक सत्याग्रह के दौरान गिरफ्तारी देने वाले लगभग 30,000 लोगों में से 17,000 महिलाएं थीं, यह महात्मा के नेतृत्व में महिलाओं की समान भूमिका का एक उदाहरण था.

गांधीजी के रचनात्मक कार्यक्रम में महिलाओं के उत्थान को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया. इस आह्वान को सुनकर महिलाएं बड़ी संख्या में राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी भूमिका निभाने के लिए अपना आश्रय और एकांत अस्तित्व छोड़कर बाहर आ गईं. कुलीन महिलाओं ने अपने साज-सज्जा और अलंकरणों को त्याग दिया और हाथ से बनी मोटी खादी और हाथ से बनी चप्पलें पहनकर खुशी-खुशी जेल की ओर मार्च किया. इन महिलाओं में कमला नेहरू, सरोजिनी नायडू, अनसूया साराभाई, सुशीला नैय्यर और मीराबेन गांधीवादी आंदोलन से जुड़ी प्रतिष्ठित महिलाएं हैं. 

कमला नेहरू- देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की पत्नी कमाला नेहरू ने देश की आजादी में गांधी का साथ हर कदम पर दिया था. उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन, नमक आंदोलन, सविनय अवेज्ञा आंदोनल में देश के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी.

सरोजिनी नायडू- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की पहली महिला प्रेसिडेंट सरोजिनी नायडू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख महिला लीडर थीं उन्होंने उस दौर में गांधी जी का साथ एक सहयोगी को तौर पर दिया. देश के विभाजन के समय भी सरोजिनी नायडू ने गांधीजी के सलाहकार के रूप में काम किया था.

अनसूया साराभाई- गुजरात में श्रमिक आंदोलन शुरू करने वाली पहली भारतीय महिला अनसूया साराभाई ने भी गांधीजी के साथ हर लड़ाई लड़ी. उन्होंने मजदूरों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ा और साल 1920 में अनसूया ने मजदूर महाजन संघ नाम से एक संगठन की स्थापना की और उसकी पहली अध्यक्ष बनीं.

सुशीला नैय्यर- पेशे से डॉक्टर और महात्मा गांधी व कस्तूरबा गांधी की निकट सहयोगी डॉक्टर सुशीला नायर चार बार सांसद रहीं. केंद्र सरकार में वह 1962 से 1967 के बीच स्वास्थ्य मंत्री रहीं. सुशीला नैय्यर को गांधी जी के बहुत करीब माना जाता है. उन्होंने हर लड़ाई में उनका साथ दिया वह उनके साथ उनके आश्रम में रहती थीं.   

मीराबेन गांधीवादी- वैसे तो गांधीजी के साथ कई महिलाएं आईं, लेकिन मीरा बेन एक विदेशी महिला थीं. जो महात्मा गांधी से बहुत प्रेरित थीं. वह अपना घर छोड़कर भारत आ गईं थीं. उन्होंने गाधी के साथ खादी सत्याग्रह और बारडोली सत्याग्रह में उनका साथ दिया.