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लोकसभा चुनाव

Lok Sabha Elections 2024: दूसरे चरण के मतदान में मेरठ से गाजियाबाद तक ये सीटें होंगी खास, जानें क्या हैं समीकरण? 

Lok Sabha Elections 2024: दूसर चरण में रालोद की अग्नि परीक्षा है, यहां पर जाट और मुस्मिल मतदाता अहम रोल निभाने वाले हैं. कई सीटों पर हो सकती है कांटे की टक्कर.

Updated on: 20 Apr 2024, 05:23 PM

नई दिल्ली:

Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान खत्म हो गया है. अब दूसरे चरण की आठ सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा. इन आठ हाई-प्रोफाइल सीटों पर 26 अप्रैल को बड़ी लड़ाई लड़ी जाने वाली है. भाजपा की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का मुकाबला इंडिया ब्लॉक और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से होगा. आरएलडी से जयंत चौधरी के लिए महत्वपूर्ण सीटें हैं. यहां की बागपत और मेरठ सीट आरएलडी का गढ़ रही हैं. मगर मेरठ से भाजपा ने टीवी धारावाहिक रामायण के भगवान राम को मैदान में उतारा है.

वहीं मथुरा से सिने स्टार हेमा मालिनी का तीसरा कार्यकाल होगा. दूसरे चरण में जिन आठ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा, वे हैं-अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतम बौद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा. 2019 के चुनाव की बात करें तो यहां पर भाजपा ने आठ में सात सीटों पर जीत दर्ज की थी. यहां पर एकमात्र अपवाद अमरोहा की सीट थी. इसे बसपा, सपा और रालोद के गठबंधन ने हासिल किया था. 

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आगामी चुनाव में दूसरे चरण में रालोद के जाट मतदाताओं का असर दिखेगा. वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन को मुस्लिम मतदाताओं से अपेक्षा होगी. मथुरा को छोड़कर, इन सीटों पर मुसलमानों की आबादी 8.5% है. शेष सात निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम वोट 16% (गौतम बौद्ध नगर) से लेकर 39% (अमरोहा) तक हैं. इनमें से अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में बसपा का प्रभाव देखा गया है. 

अमरोहा

2019 के चुनाव में अमरोहा एकमात्र सीट थी जो मोदी लहर के बावजूद भाजपा से दूरी ही रही. बसपा के कुंवर दानिश अली ने 60 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करके भाजपा को हरा दिया था. अमरोहा ऐतिहासिक रूप से एक विविध निर्वाचन क्षेत्र रहा है, जहां भाजपा, रालोद, बसपा और निर्दलीय उम्मीदवारों सहित विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं और पार्टियों ने जीत हासिल की है. मौजूदा अमरोहा सीट पर बसपा सांसद कुंवर दानिश अली इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी उम्मीदवार कंवर सिंह तंवर हैं, जिन्होंने 2014 में सीट जीती थी. यहां पर 1984 के बाद से कांग्रेस ने यह सीट नहीं जीती है. मुजाहिद हुसैन बहुजन समाज पार्टी से उम्मीदवार हैं.

मेरठ

मेरठ में लगभग 34% मुस्लिम मतदाता हैं, लेकिन 1996 के बाद से भाजपा यहां पाँच बार जीती है. भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल ने लगातार तीन बार सीट जीती, लेकिन 2024 में पार्टी ने उनकी जगह अरुण गोविल को ले लिया. वे एक लोकप्रिय कलाकार हैं. 80 के दशक के टीवी सीरियल 'रामायण' के राम बने थे. यहां से सपा से सुनीता वर्मा और बसपा से देवव्रत त्यागी मैदान में हैं.

बागपत

बागपत परंपरागत रूप से चौधरी चरण सिंह के परिवार का गढ़ है. हालांकि 2024 में, भाजपा ने रालोद के साथ गठबंधन किया है, अपने पूर्व उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. भाजपा के उम्मीदवार राजकुमार सांगवान हैं. सपा के ओर आरामपाल शर्मा और बसपा के प्रवीण बंसल के खिलाफ मैदान में उतारा है.

गाज़ियाबाद

भाजपा के प्रभाव वाले निर्वाचन क्षेत्र गाजियाबाद में राजनाथ सिंह और वीके सिंह की जीत हुई है. जनरल वी के सिंह ने यहां से 2014 और 2019 में दो बार चुनाव जीता. हालांकि, इस बार, भाजपा ने एक अलग उम्मीदवार अतुल गर्ग को चुना है. इससे ठाकुर मतदाताओं में असंतोष है. गर्ग के सामने कांग्रेस की डॉली शर्मा हैं,​ जिससे  कड़ी टक्कर मिल रही है.

गौतमबुद्ध नगर

गाजियाबाद की तरह ही गौतमबुद्ध नगर भी भाजपा का गढ़ रहा है. भाजपा के महेश शर्मा सपा के महेंद्र सिंह नागर और बसपा के राजेंद्र सिंह के खिलाफ फिर से चुनाव लड़ रहे हैं.

बुलन्दशहर

आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र बुलंदशहर भाजपा का गढ़ रहा है. यहां पर 2009 को छोड़कर पार्टी ने जीत हासिल की है. भाजपा के भोला सिंह ने 2019 और 2014 में जीत हासिल की. इससे पार्टी के निरंतर प्रभुत्व पर जोर दिया गया. उनका मुकाबला गिरीश चंद्र जाटव (बसपा) और शिक्रम वाल्मिकी (कांग्रेस) से है.

अलीगढ़

बीएसपी का अलीगढ़ में मजबूत वोट आधार है. मगर भाजपा ने 1991 के बाद से आठ में से छह चुनावों में जीत हासिल की है. भाजप के सतीश गौतम का लक्ष्य बीएसपी प्रतियोगिता के खिलाफ फिर से चुनाव लड़ना है. उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के बृजेंद्र सिंह हैं.