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Lok sabha Election 2019 : 73 दिन में फैसला हो जाएगा, कौन बनेगा देश का अगला प्रधानमंत्री

देशभर में चुनावी बिगुल बज चुका है. बीजेपी और कांग्रेस के साथ सभी राजनीतिक पार्टियां रणभूमि पर उतर चुकी हैं.

Updated on: 11 Mar 2019, 12:13 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha Election 2019) : देशभर में चुनावी बिगुल बज चुका है. बीजेपी और कांग्रेस के साथ सभी राजनीतिक पार्टियां रणभूमि पर उतर चुकी हैं. 543 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में मतदान होगा और 23 मई को मतगणना होगी. इस लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में करीब ढाई महीना लगेगा. इन 73 दिनों में फैसला आ जाएगा कि किसे सत्ता मिलेगा और किसका पत्ता कटेगा. इस चुनाव में जहां बीजेपी और कांग्रेस ने कई दलों के साथ गठबंधन किया है, वहीं यूपी, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में सपा और बसपा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.

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एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चुनावी मैदान में है. पीएम ने नारा दिया है कि 'एक बार फिर मोदी सरकार'. जबकि कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ रही है. वहीं, कई राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां रणभूमि पर उतर रही हैं और उनके नेता ही पार्टी के चेहरे हैं. सभी पार्टियां 2019 की सियासी बाजी अपने नाम करने के लिए हरसंभव कोशिश में जुट गई हैं.

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बीजेपी ने कई पार्टियों से मिलाया है हाथ

बता दें कि बीजेपी ने फिर सत्ता में वापसी के लिए कई क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन किया है. बिहार में बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. वहीं, महाराष्ट्र में बीजेपी ने अपने पुराने सहयोगी शिवसेना और पंजाब में अकाली दल से हाथ मिलाया है. तमिलनाडु में बीजेपी ने AIADMK और डीएमडीके के साथ गठबंधन किया है. हालांकि बाकी दक्षिण के राज्यों में बीजेपी अकेले चुनावी रण में उतर रही है. इसके अलावा पूर्वोत्तर में कई क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन किया है.

कांग्रेस इन दलों के साथ मिलकर लड़ेगी चुनाव

बीजेपी ही नहीं कांग्रेस ने भी सत्ता में वापसी के लिए कई दलों के साथ गठबंधन किया है. महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ मिलकर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है और बिहार में आरजेडी, एलजेपी जैसे दलों के साथ हाथ मिलाया है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के साथ कांग्रेस ने गठबंधन किया है. कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस के साथ मिलकर रणभूमि पर उतर रही है, जबकि तमिलनाडु में डीएमके के साथ चुनाव लड़ेगी. जम्मू-कश्मीर में भी माना जा रहा है कि कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन कर चुनावी किस्मत आजमा सकती है.