Mizoram Election Result: इंदिरा गांधी की सुरक्षा प्रमुख से लेकर मिजोरम के अगले सीएम तक, जानें कौन हैं लालदुहोमा?
Mizoram Election Result: मिजोरम विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का असर, एमएनएफ के पछाड़ विपक्षी पार्टी जेपीएम ने जीता जनता का दिल.
highlights
- मिजोरम में सत्ता विरोधी लहर के साथ जेपीएम बना रही सरकार
- लालदुहोमा संभालेंंगे मिजोरम के सीएम पद की कमान
- इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी चीफ की निभा चुके हैं जिम्मेदारी
New Delhi:
Mizoram Election Result: देश के पूर्वोत्त राज्यों में शुमार मिजोरम के विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ रहे हैं. इस चुनाव में भी सत्ता विरोधी लहर साफ तौर पर देखने को मिली है. मौजूदा मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) को जनता ने सिरे से नकार दिया है और विपक्षी दल जोरम नेशनलिस्ट पार्टी (ZPM)को शानदार जनाधार दिया है. इस बेहतरी जीत के साथ ही एक नाम हर तरफ चर्चा का विषय बन गया है और वो है पार्टी प्रमुख लालदुहोमा का. जी हां लालदुहोमा के नेतृत्व में ही जेडपीएम ने बेहतरीन जीत अर्जित की है. यही वजह है कि मिजोरम के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर लालदुहोमा का नाम सबसे आगे है. आइए जानते हैं कौन है लादुहोमा.
इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी इंचार्ज
लालदुहोमा का सियासी सफर आसान नहीं है. राजनीतिक की पिच पर किस्मत आजमाने से पहले वह एक आईपीएस अधिकारी थे. यही नहीं इंदिरा गांधी से लालदुहोमा का खास कनेक्शन था. इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रमुख के तौर पर लालदुहोमा ने काम किया है. लालदुहोमा गोवा कैडर के भारतीय पुलिस सेवा में एक ऑफिसर रहे.
गोवा कैडर से वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति तक पहुंचे. इसके बाद वह राष्ट्रीय राजधानी में उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा की कमान संभाली.
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रिटायरमेंट के बाद राजनीतिक में एंट्री
लालदुहोमा को शायद शुरू से ही राजनीतिक में दिलचस्पी थी, यही वजह रही कि जब वे सेवानिवृत्त हुए तो राजनीतिक बिसात पर एंट्री कर ली. उन्होंने खुद की पार्टी भी बनाई. इसका नाम रखा जोरम पीपुल्स मूवमेंट. यही दल अब मिजोरम में सरकार बनाने जा रहा है.
1984 में लालदुहोमा ने लोकसभा चुनाव में हाथ आजमाया. इस दौरान लालदुहोमा को अपने राजनीतिक विरोधियों का जबरदस्त सामना करना पड़ा. दल-बदल विरोधी कानून के चलते अयोग्य ठहराए जाने वाले लालदुहोमा पहले संसदीय सदस्य भी बने. दरअसल कांग्रेस की सदस्यता छोड़ने की वजह से उन्हें अयोग्य करार दिया गया था.
तीन साल पहले विधानसभा सदस्यता से हाथ धो बैठे थे
लालदुहोमा का राजनीतिक सफर चुनौतियों से कम नहीं रहा है. अपनी पार्टी के साथ उन्होंने मिजोरम में कड़ा संघर्ष किया. 2018 के असेंबली इलेक्शन में जेएनपी के नेतृत्व वाली जोरम पीपुल्स मूवमेंट अलायंस के पहले सीएम के रूप में उन्हें कैंडिडेट के तौर पर चुना गया, लेकिन उन्होंने विपक्ष के नेता के तौर पर ही काम करना सही समझा. इसके बाद 2020 में दल-बदल कानून की वजह से इनकी विधानसभा सदस्य भी चली गई.
लेकिन लालदुहोमा ने हार नहीं मानी. अगले वर्ष यानी 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने एक बार फिर चुनाव लड़ा. इस दौरान उन्होंने सेरछिप सीट से शानदार जीत अर्जित की.
लादुहोमा को एक शांतिप्रिय और जनता की चिंता करने वाला नेता कहा जाता है. उन्हें लचीले नेता के रूप में भी लोग पहचानते हैं. लेकिन एक प्रशासनिक अफसर से लेकर मिजोरम के मुख्यमंत्री बनने तक का उनका सफर चुनौतियों के साथ-साथ रोमांच से भी भरा रहा. जल्द ही वे मिजोरम में अपने दम पर सरकार बनाकर सत्ता की चाबी हासिल कर लेंगे.
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