logo-image

राजनांदगांव बनी हॉट सीट, अटल बिहारी वाजपेयी की इस रिश्‍तेदार से होगी रमन सिंह की टक्‍कर

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. प्रदेश के मुखिया अपनी मौजूदा सीट राजनांदगांव से चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं कांग्रेस ने इस बार अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को राजनांदगांव से उम्मीदवार बनाया है. अब करुणा शुक्ला चुनावी रण में सीएम रमन सिंह से सीधी टक्कर लेंगी.

Updated on: 23 Oct 2018, 01:18 PM

राजनांदगांव:

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. प्रदेश के मुखिया अपनी मौजूदा सीट राजनांदगांव से चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं कांग्रेस ने इस बार अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को राजनांदगांव से उम्मीदवार बनाया है. अब करुणा शुक्ला चुनावी रण में सीएम रमन सिंह से सीधी टक्कर लेंगी. आज पहले चरण के लिए नामांकन की आखिरी तारीख है और दोनों ही उम्मीदवार आज अपना नामांकन दाखिल करेंगे.

कौन हैं करुणा शुक्ला

करुणा शुक्ला का जन्म 1 अगस्त 1950 को अटल बिहारी वाजपेयी के परिवार में हुआ था. 1982 से 2014 तक भाजपा में रहीं करुणा 1993 में पहली बार विधानसभा सदस्य चुनी गईं. 2004 के लोकसभा के चुनावों में करुणा ने भाजपा के लिए जांजगीर सीट जीती थी, लेकिन 2009 में करुणा कोरबा सीट से कांग्रेस के चरणदास महंत से हार गईं थीं. पूरे छत्तीसगढ़ में करुणा ही भाजपा की एकमात्र प्रत्याशी थीं जो चुनाव हारी थीं. राज्‍य की बाकी सभी सीटें भाजपा के खाते में गई थीं. भाजपा में रहते हुए करुणा कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं, जिनमें भाजपा महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद भी है, लेकिन 32 साल बीजेपी में रहने के बाद उन्होंने साल 2014 में अचानक कांग्रेस का दामन थाम लिया था. बताया जाता है साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने से नाराज करुणा शुक्ला ने पार्टी छोड़ दी थी और कांग्रेस का हाथ थाम लिया. यहीं से अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी कांग्रेस की 'करुणा' बन गईं.

कांग्रेस में आने के बाद से करुणा शुक्ला ने लगातार सीएम के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. पार्टी ने उन्हें वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में बिलासपुर से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह बीजेपी के लखनलाल साहू से चुनाव हार गई थीं और अब करुणा शुक्ला का सामना प्रदेश के मुखिया के साथ हैं. ऐसे में करुणा की राह आसान नहीं है.

15 वर्षों से सत्‍ता से बाहर है कांग्रेस 

छत्तीसगढ़ में पिछले 15 वर्षों से कांग्रेस सत्ता से बाहर है और इस बार के चुनाव में वह वापसी की कोशिश में है. वहीं बीजेपी इस चुनाव में 65 से अधिक सीटों पर जीत हासिल कर चौथी बार सरकार बनाना चाहती है. राज्य में 2013 में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 90 में से 49 सीटों पर और कांग्रेस को 39 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं एक-एक सीटों पर बसपा और निर्दलीय विधायक हैं. अब ऐसे में कांग्रेस की कोशिश रहेगी कि वो बीजेपी के मिशन 65 प्लस को किसी भी तरह से रोके.

मुख्‍यमंत्री रमन सिंह ने दाखिल किया नामांकन

आज राजनांदगांव से रमन सिंह ने अपना पर्चा दाखिल कर दिया. इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और झारखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री अर्जुन मुंडा भी उपस्‍थित रहे. योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि रमन सिंह ने अच्छा काम किया है और वह बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बीजेपी की जीत की बधाई देने आए है. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है और सभी दिग्‍गज आज ही नामांकन दाखिल कर रहे हैं.