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आम आदमी पार्टी को पंजाब में मिली बड़ी जीत, लेकिन बाकी रह गई ये टीस

पंजाब (Punjab Assembly Election 2022) में आम आदमी पार्टी को लैंडस्लाइड विक्ट्री मिली है. भगवंत मान (Bhagwant Mann) की अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. गोवा में भी पार्टी का प्रदर्शन क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लायक रहा है.

Updated on: 10 Mar 2022, 05:09 PM

highlights

  • पंजाब-गोवा में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा
  • उत्तराखंड में पीछे रहने से टूटा बड़ा सपना!
  • राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने से चूक सकती है आम आदमी पार्टी

 

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को पंजाब में बड़ी जीत मिली है. गोवा में भी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है. लेकिन उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन वैसा नहीं रहा, जैसा उसने उम्मीद लगाई थी. ऐसे में उसके हाथ से राष्ट्रीय पार्टी बनने का सपना फिसलता दिख रहा है. हालांकि आखिरी चुनावी नतीजे अभी आने बाकी हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी उन जादुई वोट प्रतिशत को पाने का इंतजार कर रही है, जो उसका सपना पूरा कर सकती है. जी हां, उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी को 6 फीसदी वोट अगर मिल जाए, तो वो राष्ट्रीय पार्टी बन सकती है, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

पंजाब में आम आदमी पार्टी का जोरदार प्रदर्शन, गोवा भी संतोषजनक

पंजाब (Punjab Assembly Election 2022) में आम आदमी पार्टी को लैंडस्लाइड विक्ट्री मिली है. भगवंत मान (Bhagwant Mann) की अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. गोवा में भी पार्टी का प्रदर्शन क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लायक रहा है. अभी तक गोवा में आम आदमी पार्टी 6 फीसदी से ज्यादा वोट पाने में कामयाब रही है. लेकिन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में से एक भी राज्य में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहता, तो इससे राष्ट्रीय राजनीति में एक और राष्ट्रीय पार्टी का उदय हो जाता.

राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए ये होती है शर्त

भारत में किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी (National Political Parties in India) का दर्जा पाने के लिए कुछ शर्तें हैं. इसके तहत 3 शर्तें तय हैं जिनमें कम के कम एक शर्त पूरा करने पर किसी पार्टी को राष्ट्रीय होने का दर्जा मिलता है. कोई पार्टी तीन राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसद सीटें जीते, 4 लोकसभा सीटों के अलावा कोई पार्टी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 6 फीसद वोट पाए या कोई पार्टी चार या इससे अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखे. इन तीन शर्तों में जो पार्टी एक शर्त भी पूरा करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है. एक राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त होने का लाभ चुनाव पार्टी को आरक्षित चुनाव चिन्ह के रूप में मिलता है. ये चुनाव चिन्ह पूरे देश में एक ही रहता है. इसके अलावा पूरे देश में पार्टी की पहुंच होने से उसे तेजी से फलने-फूलने का मौका मिलता है.

भारत में इन पार्टियों को प्राप्त है राष्ट्रीय दर्जा

कोई पार्टी किसी राज्य में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में भले ही कोई सीट न जीते लेकिन कुल वैध मतों में कम से कम 8 फीसद वोट प्राप्त करे तो उसे क्षेत्रीय दल का दर्ज दिया जाता है. देश की राष्ट्रीय पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशलिस्ट कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नाम शामिल हैं. इसके अलावा बिहार की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) जैसी पार्टियां क्षेत्रीय दलों में आती हैं. अप्रैल 2019 तक भारत में राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या 7 है, राज्य के मान्यता प्राप्त दलों की संख्या 35 है और भारत में क्षेत्रीय दलों की संख्या लगभग 329 हैं.