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जादूगर से CM बनने तक का सियारी सफर, ऐसा रहा है अशोक गहलोत का राजनीतिक करियर

73 साल के अशोक गहलोत पांच दशकों से भारतीय राजनीति में काफी सक्रिय हैं. अपने राजनीतिक अनुभव और कौशल से पार्टी को उन्होंने कई बार प्रदेश में जीत दिलवाई है.

Updated on: 02 Dec 2023, 05:20 PM

नई दिल्ली:

अपनी सादगी और महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित अशोक गहलोत वर्तमान में राजस्थान के मुख्‍यमंत्री हैं. वे कांग्रेस के सक्रिय नेताओं में से एक हैं. बतौर मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत की यह तीसरी पारी है. इससे पहले वे 1998 से 2003 तक और फिर 2008 से 2013 तक राज्‍य के मुख्यमंत्री रहे. गहलोत जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से जीत कर आते हैं. अशोक गहलोत का जन्म 3 मई 1951 को जोधपुर जिले के महामंदिर गांव में लक्ष्मण सिंह गहलोत के घर हुआ था. उन्होंने विज्ञान और कानून में स्नातक और अर्थशास्त्र से परास्नातक किया है। स्‍नातक की पढ़ाई के दौरान से ही वे कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई से जुड़ गए. 1979 में जोधपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नियुक्त हुए.आगे चलकर कांग्रेस कार्यकता के रूप में उन्होंने पार्टी को अपनी सेवाएं दीं. वे पार्टी पर कई विरिष्‍ठ पदों पर कार्य कर चुके हैं. अशोक गहलोत राजस्थान में जादूगर के नाम से भी चर्चित हैं. जानकार उन्हें राजनीति के जादूगर भी कहते हैं. 

अशोक गहलोत केंद्र में कई बार केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य किया है.  तीन बार केंद्रीय मंत्री बने. वे पहली बार 1980 में जोधपुर संसदीय क्षेत्र से 7वीं लोकसभा के लिए चुने गए. उन्होंने 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा में जोधपुर के संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. 1999 में वे सदरपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए.

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  • गहलोत सरदारपुरा विधानसभा सीट से चुनाव जीते. उन्‍होंने भाजपा के शंभु सिंह को 45597 वोटों से मात दिया. 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 199 में से 99 सीटें जीतीं. इसी जीत के साथ गहलोत राजस्‍थान में तीसरी बार मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली. 
  • अशोक गहलोत को 2017 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किया गया था.
  • 2008 - 2013 के विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत ने सरदारपुरा से विधानसभा सीट से चुनाव जीता. दूसरी बार फिर वो राजस्थान के मुख्यमंत्री बने. उन्होंने अपने पांच साल के कार्यकाल को पूरा किया.
  • 2003: गहलोत सरदार सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, लेकिन इस बार वो विपक्ष की भूमिका में रहे. बीजेपी के वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनीं. इस दौरान वो विपक्ष में बैठे .
  •  1 दिसंबर 1998 को अशोक गहलोत पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने. वह उपचुनाव जीतने के बाद सरदारपुरा से विधानसभा के सदस्य बने. उन्होंने 8 दिसंबर 2003 तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया.
  •  वह 12वीं लोक सभा के लिए सांसद चुने गए थे, लेकिन दिसंबर के महीने में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया.
  • अशोक गहलोत 1997- 1999 में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया.  अशोक गहलोत राजस्थान की राजनीति का वो कद्दावर चेहरा जिसके जादू की चर्चा राजनीति में भी सिर चढ़कर बोलता है. वो अपने सौम्य व्यवहार से न सिर्फ समर्थकों का दिल जीतते हैं बल्कि विरोधी भी उनके अंदाज के कायल हो जाते हैं.