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JEE Mains Session 2 Result: किसान के बेटे नीलकृष्ण ने हासिल की जेईई टॉप रैंक, जानें उनका सक्सेस मंत्र

JEE Mains Session 2 Result: जेईई मेन में महाराष्ट्र के बेलखेड़ा गांव के रहने वाले किसान के बेटे ने हासिल की टॉप रैंक, जानें क्या अपनाई रणनीति

Updated on: 25 Apr 2024, 10:58 AM

New Delhi:

JEE Mains Session 2 Result: जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम सेशन 2 के फाइनल नतीजे जारी कर दिए गए हैं. ये नतीजे अप्रैल सत्र में आयोजित की गई एग्जाम के हैं. नतीजों को आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.ac.in पर देखा जा सकता है. बता दें कि इस वर्ष जेईई मेन में जनवरी और अप्रैल में दो राउंड शामिल थे. जिन उम्मीदवारों ने दोनों सत्रों में हिस्सा लिया उनके सर्वोच्च स्कोर को अंतिम मेरिट लिस्ट के लिए मान्य किया गया. खास बात यह है कि इन परिणामों में किसान के बेटे नीलकृष्ण राय ने ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल की है. छोटे गांव से निकले नीलकृष्ण कड़ी मेहनत और खास स्ट्रेटजी के साथ इस रैंक को हासिल किया है. आइए जानते हैं क्या है नीलकृष्ण का सक्सेस मंत्र और कैसे उन्होंने हासिल की अव्वल रैंक. 

संयुक्त प्रवेश परीक्षा यानी जेईई मेन भारत के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार के रूप में जानी जाती है. जाहिर है इस एग्जाम में देशभर के होनहार स्टूडेंट्स अपनी-अपनी प्रतिभा के दम पर शानदार स्कोर के साथ टॉप रैंक हासिल करने के लिए भिड़ते हैं. इनमें कुछ सफल होते हैं तो कुछ निराश भी होते हैं. हालांकि फिलहाल हम बात कर रहे हैं जेईई मेन में टॉप रैंक हासिल करने वाले नीलकृष्ण राय की. महाराष्ट्र के छोटे से गांव के रहने वाले नीलकृष्ण ने देशभर में न सिर्फ अपना बल्कि माता-पिता का नाम भी रोशन किया है. 

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किसानी करते हैं पिता
नीलकृष्ण के पिता पेशे से किसान हैं. जबकि उनकी मां गृहणी हैं. साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले नीलकृष्ण के लिए अव्वल रैंक हासिल करना इतना आसान नहीं था. इसके लिए उन्हें जीतोड़ मेहनत करना थी और इस मेहनत के साथ एक सही प्लेटफॉर्म की भी जरूरत थी. लिहाजा नील ने कोटा में रहकर अपने लक्ष्य को साधने के लिए कड़ी साधना की. 

बेलखेड़ा गांव से शुरू हुआ सफर
नीलकृष्ण की सफलता का सफर महाराष्ट्र के बेलखेड़ा गांव से शुरू हुआ. यहीं पर उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की और जेईई क्रेक करने का सपना देखा. सपना देखने के दौरान शायद नील ने यह नहीं सोचा होगा कि वह सर्वश्रेष्ठ रैंक हासिल कर लेंगे. लेकिन अपने लक्ष्य का पीछा करने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. आईआईटी में एडमिशन का सपना लिए नीलकृष्ण ने पढ़ाई और तैयारी का अगला कदम कोटा की तरफ बढ़ाया. यहीं से उन्होंने 11वीं और 12वीं की एग्जाम दी और पास भी हुए. 

ये है नीलकृष्ण का सक्सेस मंत्र
नीलकृष्ण को जो टारगेट (IIT में एडमिशन) हासिल करना था उसके लिए उन्होंने एक खास रणनीति पर काम किया. इसके लिए उन्होंने अपने पढ़ाई के घंटों को तय किया यानी अपनी तैयारी के लिए स्ट्रैटजी बनाई. नील की मानें तो उन्होंने दिन में 10 से 15 घंटे तक पढ़ाई करने का लक्ष्य तय किया. इसके साथ ही नोट्स भी तैयार किए जिसकी दिनरात प्रैक्टिस करने लगे. नील ने इस दौरान घर के कई कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लिया यहां तक कि त्योहारों पर भी उन्होंने पढ़ाई को ही तवज्जो दी. नील की मानें तो जब आप किसी लक्ष्य का पीछा कर रहे हों तो इसके लिए लगातार मेहनत करना जरूरी है. उन्होंने भी ऐसे ही किया और कभी हार नहीं मानी. 

पैरेंट्स ने दिया पूरा साथ
नील के मुताबिक उनकी सफलता के लिए उनके पैरेंट्स का बड़ा रोल रहा. माता-पिता ने कभी भी नीलकृष्ण को पढ़ाई के लिए न तो ज्यादा रोका टोका और ना ही ज्यादा पढ़ने पर एतराज जताया. बल्कि जब कभी किसी एग्जाम में नीलकृष्ण के नंबर कम आते थे तो उसके माता-पिता उसे मोटिवेट करते थे. आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करते थे.  

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पढ़ाई के अलावी नीलकृष्ण के शौक
पढ़ाई के साथ-साथ नीलकृष्ण को स्पोर्ट्स से भी लगाव है. जब पढ़ाई से वक्त निकलता है तो नील तीरंदाजी में हाथ आजमाते हैं. यानी यहां पर उन्हें लक्ष्य भेदने में भी मजा आता है. ये नील की लगन का ही नतीजा है कि उन्होंने आर्चरी में भी स्टेट और नेशनल लेवल तक प्रतिनिधित्व किया है. बता दें कि 100 परसेंटाइल में नीलकृष्ण के अलावा 56 और प्रतिभागी भी शामिल हैं. जिन्होंने जेईई मेन में शानदार प्रदर्शन किया है.