जब लाश ने खुद खोला अपनी मौत का राज़... परफेक्ट मर्डर से यूं चूक गया कातिल
ग्रेटर नोएडा में बिसरख के पुराना हैबतपुर गांव में एक ऐसी वारदात पेश आई, जिसे सुन कर हर कोई दहल गया. वारदात में एक महिला की हत्या होती है और कातिल था...
नई दिल्ली:
बेगम की इंस्टाग्राम लत छुड़ानी थी... तो मौत दे दी! खबर राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा की है, जहां बिसरख के पुराना हैबतपुर गांव में एक ऐसी वारदात पेश आई, जिसने पुलिस के भी कान खड़ कर दिए. इस खौफनाक कहानी की शुरुआत तलाब में तैरती एक लाश से होती है, और खत्म होती है कातिल के कबूलनामे पर. इस कहानी में दोस्ती है, इश्क है और मोहब्बत की मंजील शादी भी, मगर इस कहानी का अंत इस कदर दर्दनाक होता है, जिसे सुन कर आपकी भी रुह कांप उठेगी... तो आखिर क्या थी ये वारदात, जिसने इश्क और आशिकी को शर्मसार कर दिया, चलिए कहानी के एक-एक पहलू से हो कर गुजरते हैं...
कब-क्या-कैसे हुआ?
कहानी की शुरुआत होती है, तारीख 18 मई 2023 से, जब पुलिस को हैबतपुर गांव के तालाब के पास एक फुली हुई लाश पड़ी मिलती है. लाश किसकी थी, यहां क्यों थी और क्या ये वारदात क़त्ल की थी? ऐसे तमाम सवालों के साथ पुलिस इस मामले की तफ्तीश शुरू करती है. जल्द ही पुलिस के हाथ लगता है एक अहम सुराग... दरअसल फुले हुए उस मृत शरीर के हाथ पर बना हुआ था साइबा नाम का एक टैटू, जो शायद मरहूम की पहचान की तस्दीकी कर रहा था. पुलिस ने बिना वक्त गवाए फौरन इस नाम की पड़ताल शुरू की, और उनके हाथ लगा एक दुकानदार.
ये दुकानदार इस पूरी वारदात को सिलसिलेवार तरीके से जोड़ने वाला था. पुलिस ने फौरन उस लावारिस लाश के हाथ पर बना टैटू दुकानदार को दिखाया. टैटू को एक नजर देखते ही, दुकानदार लड़की को पहचान गया, मगर इसी के साथ उसके एक और खुलासे ने पूरी कहानी को फिर पलट कर रख दिया. दरअसल दुकानदार के मुताबिक वो उस टैटू वाली लड़की को अच्छी तरह से जानता था, क्योंकि वो उसकी रोज की ग्राहक थी, मगर टैटू में लिखा उसका वो नाम गलत था... क्योंकि दुकानदार के मुताबिक लड़की का साइबा नहीं जाह्नवी था.
दुकानदार ने पुलिस को बताया कि जाह्नवी यहीं पास में अपने पति जितेंद्र के साथ एक किराए के मकान में रहती थी, मगर बीते कुछ दिनों से वो गायब है, जब दुकानदार ने इस बारे में उसके पति जितेंद्र से पूछना चाहा, तो उसने जाह्नवी के 16 मई को मायके जाने की बात कहकर बात टाल दी. इस मौके पर पुलिस भी हैरत में थी... आखिर जब जाह्नवी मायके के लिए घर से निकली और मायके नहीं पहुंची, तो क्या इसकी खबर उसके पति जितेंद्र तक नहीं पहुंची, और अगर पहुंची तो क्या जितेंद्र ने उसके बारे में पता लगाने की कोशिश की? और आखिर उसकी गुमशुदगी के दो दिन बीत जाने के बाद भी जितेंद्र पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज करवाने क्यों नहीं पहुंचा... इन तमाम सवालों के साथ अब शक के घेरे में था खुद जाह्नवी का पति जितेंद्र...
पुलिस की अगली दस्तक जितेंद्र के दरवाजे पर थी, फौरन उसे हिरासत में लिया गया. एक-एक कर तमाम सवालात उसके सामने पेश किये, शुरुआती दौर में वो सन्नाटे की गर्द में डूबा रहा, मगर जब पुलिस ने अपने पुलिसिया अंदाज में सवाल किये, तो वो टूट गया और एक हैरतअंगेज वाकये का खुलासा किया. पति जितेंद्र का कहना था कि उसकी पत्नी जाह्नवी और उसके बीच अक्सर लड़ाई-झगड़े हुआ करते थे, लिहाजा उसने मायके जाने का फैसला किया और तारीख 16 मई को वो अपने मायके के लिए निकल गई, इसके बाद से दोनों के बीच कोई बात-चीत नहीं हुई...
जितेंद्र के करतूतों से बेखबर, जब पुलिस ने उसे जाह्नवी के मृत शरीर के तस्वीर दिखाई, तो वो फूट-फूट कर रोने लगा. उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था, वो बार-बार बस एक ही बात कह रहा था- 'लेकिन घर से तो बिल्कुल सलमात निकली थी'. इसके बाद की सारी तफ्तीश में वो खुद को बेकसूर और इस वारदात को आत्महत्या करार देने में लगा रहा. मगर जैसे-जैसे ये तफ्तीश आगे बढ़ रही थी, पुलिस का शक जितेंद्र पर गहराता जा रहा था. इसी बीच लाश की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पूरे मामले की असल हकीकत को सामने पेश कर दिया, जिसके मुताबिक ये पूरा मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि क़त्ल का था...
चैटिंग, मुलाकात और इश्क
पुलिस ने एक बार फिर जितेंद्र से पूछताछ शुरू की, मगर इसबार जो खुलासा हुआ वो खौफनाक था. जाह्नवी के पति जितेंद्र ने कबूल कर लिया कि उसकी पत्नी के क़त्ल के पीछे उसी का हाथ था. उसने पुलिस को बताया कि दरअसल उसकी पत्नी जाह्नवी का असल नाम साइबा खान ही था, बीते साल नवंबर के महीने में उनकी दोस्ती इंस्टाग्राम पर हुई, फिर दोनों में चैटिंग शुरू हुई और फिर मोहब्बत का आगाज हुआ. दोनों शादी करना चाहते थे, मगर जितेंद्र हिंदू था और साइबा मुस्लिम, इसलिए दोनों के घर वाले इसके लिए राज़ी नहीं थी. मजबूरन दोनों ने घर वालों की मर्जी के बगैर, एक मंदिर में शादी कर ली. हालांकि दोनों के बीच उम्र का फसला भी कई ज्यादा था, जहां साइबा की उम्र 35 साल थी, वहीं जितेंद्र महज़ 22 साल का था.
शादी के तुरंत बाद दोनों एक साथ गाजियाबाद के सुदामापुरी इलाके में रहने लगे. कुछ दिन सबकुछ ठीक चला, मगर जल्द ही दोनों में अन-बन शुरू हो गई. जितेंद्र के मुताबिक उसकी पत्नी साइबा हमेशा रील्स बनाने में व्यस्त रहती थी, जबकि वो पूरे दिन कैब चलाता. जितेंद्रे उसकी इस आदत से परेशान हो गया था. कई बार इसे लेकर उनके बीच झगड़े भी हुए, मगर साइबा फिर वही करने लगती, जिसे लेकर धीरे-धीरे अब उनके बीच दूरियां बढ़ने लगी...
क़त्ल की तैयारी...
अचानक तारीख 1 मई को साइबा और जितेंद्र दोनों बिसरख के हैबतपुर में शिफ्ट होने का फैसला करते हैं, दोनों किराए का एक मकान लेते हैं. जहां जितेंद्र अपनी पत्नी साइबा का नाम जाह्नवी बताता है, उनके इस नए आशियाने से वो तलाब मुश्किल से 10 से 15 मिनट की दूरी पर था, जो आगे चलकर क़त्ल की इस साज़िश का अहम हिस्सा होने वाला था. फिर आती है
15 मई की रात, जब दोनों बैठकर खूब शराब पीते हैं, एक बार जब साइबा नशे में धुत हो जाती है, तो जितेंद्र चाकू से उसके हाथ की नस काट देता है, काफी खून बहने से कुछ देर बाद जब वो होश खो बैठती है, तब जितेंद्र गला घोंटकर उसकी हत्या की वारदात को अंजाम देता है.
बाद में अपनी इस खौफनाक करतूत को छिपाने के लिए वो उसी तलाब में अपनी पत्नी साइबा की लाश फेंक देता है, इसी ख्याल से कि शायद उसका ये घिनौना राज़ हमेशा-हमेशा के लिए इस गहरे तलाब में दफ्न हो जाएगा, मगर ऐसा होता नहीं...
फिलहाल जितेंद्र के कबूलनामे के बाद उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है. साथ ही उसकी कोर्ट में पेश की गई है. केस अभी कोर्ट में है, और परिजन को फैसले का बेसब्री से इंतजार है...
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