EPF को लेकर मोदी सरकार की ओर से आई बड़ी खबर, जानिए क्या है मामला
EPFO Latest Update: बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 अप्रैल 2021 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष से सालाना 2.5 लाख रुपये या उससे ज्यादा के प्रॉविडेंट फंड योगदान पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा था.
highlights
- ढाई लाख रुपये से ज्यादा जमा करने के बाद मिलने वाले ब्याज को टैक्स के दायरे में लाने वाले फैसले में नहीं हो सकता है कोई भी बदलाव
- सालाना 2.5 लाख रुपये या उससे ज्यादा के प्रॉविडेंट फंड योगदान पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा
नई दिल्ली:
EPFO Latest Update-कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO): EPF में ढाई लाख रुपये से ज्यादा सालाना जमा करने के बाद मिलने वाले ब्याज को टैक्स के दायरे में लाने वाले फैसले में कोई भी बदलाव नहीं हो सकता है. बता दें कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले फाइनेंशियल ईयर से सालाना 2.5 लाख रुपये या उससे ज्यादा के प्रॉविडेंट फंड (Provident Fund) योगदान पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा था. इसके तहत जिन कर्मचारियों का मूल वेतन यानि की बेसिक सैलरी अधिक है वे इसके दायरे में आने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने साफतौर पर कहा है कि वह इस फैसले में कोई भी बदलाव नहीं करने जा रही है.
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मार्च के पहले हफ्ते में ब्याज दरों की हो सकती है घोषणा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार के इस फैसले से तकरीबन 1 फीसदी कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं. हालांकि 1 से 2 करोड़ रुपये तक ईपीएफ में निवेश करके साढ़े 8 फीसदी ब्याज का फायदा उठा रहे थे, अब ऐसे लोगों पर लगाम लग सकेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मार्च 2021 के पहले हफ्ते में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employee Provident Fund Organisation-EPFO) ईपीएफ पर ब्याज दरों (EPF Interest Rates) की घोषणा कर सकता है. इसे लेकर ईपीएफओ ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज को एक लेटर भेजकर श्रीनगर में चार मार्च 2021 को होने वाली मीटिंग के बारे में बताया है. इस मीटिंग में ईपीएफओ की कमाई और वित्तीय हालात (Earning and Financial Situation) को लेकर पूरी पड़ताल की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसी मीटिंग में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर के ऐलान करने के प्रस्ताव पर भी बड़ा फैसला होने की उम्मीद जताई जा रही है.
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जानिए क्यों घट सकती है ब्याज दर
ईपीएफओ (EPFO) के ट्रस्टी केई रघुनाथन ने कहा कि उन्हें सोमवार को सीबीटी की अगली मीटिंग (CBT Metting) 4 मार्च को श्रीनगर में होने की जानकारी मिली है. इस मीटिंग का एजेंडा भी शीघ्र आने वाला है. हालांकि, उन्होंने कहा कि मीटिंग की सूचना से संबंधित ई-मेल में ब्याज दर पर चर्चा का जिक्र नहीं है. इस बीच ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफओ कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर घटा सकता है. आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के संकट के बीच पीएफ से ज्यादा निकासी और कम कंट्रीब्यूशन की वजह से ब्याज घटाने का फैसला लिया जा सकता है.
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