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धार्मिक और चैरिटी संस्थाओं से जुड़े सरायों पर नहीं लगेगी जीएसटी, केंद्र ने साफ की स्थिति

No GST On Sarais: ट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स (Central board of direct taxes) द्वारा हालिया ट्ववीट जीएसटी को लेकर किया गया है. इस ट्वीट में कहा गया है कि धार्मिक और चैरिटी संस्थाओं से जुड़े सरायों को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया गया है.

Updated on: 05 Aug 2022, 04:38 PM

नई दिल्ली:

No GST On Sarais: केंद्र सरकार ने जीएसटी को लेकर स्थिति को साफ करने के लिए नया ट्वीट किया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स (Central board of direct taxes) द्वारा हालिया ट्ववीट जीएसटी को लेकर किया गया है. इस ट्वीट में कहा गया है कि धार्मिक और चैरिटी संस्थाओं से जुड़े सरायों को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया गया है. दरअसल बीते महीने 28-29 जून को जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक (GST Council 47th Meeting) रखी गई थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में रखी गई इस बैठक (GST Council 47th Meeting)  में कई अहम फैसले लिए गए हैं. कमिटी ने कुछ नई वस्तुओं  और सेवाओं को जीएसटी के दायरे में लाने का निर्णय लिया था. जिसके बाद से ही देश भर में 18 जुलाई से कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी लगना शुरू हो गया था. 

12 फीसदी जीएसटी लगेगी या नहीं लगेगी, साफ हुई स्थिति

जीएसटी काउंसिल की 47 मीटिंग (GST Council 47th Meeting) में ही बैठक में फैसला हुआ था कि 1000 रुपये प्रति रात से कम चार्ज करने वाले होटलों पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगी. जिसके बाद से ही शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमिटी द्वारा चलाए जाने वाले सरायों पर सरकार का नियम लागू माने जाने लगा. कमिटी ने उन सरायों जिनका रेंट 1000 रुपये प्रति दिन के लिया जाता है, पर अतिरिक्त 12 फीसदी जीएसटी लेना शुरू कर दिया. इसी कड़ी में सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स (Central board of direct taxes) द्वारा कई ट्वीट्स भी किए गए लेकिन फैसला अस्पष्ट ही रहा. 

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धार्मिक और चैरिटी संस्थाओं की ओर से चलाए जाने वाले सराया जीएसटी फ्री
वहीं अब सरकार ने स्थिति को साफ करते हुए ट्वीट किया है कि सरायों पर सरकार का नियम लागू नहीं होगा. बता दें सराय उस स्थान को कहा जाता है जहां राहगीरों को रुकने की व्यवस्था दी जाती है. ऐसे सराय अधिकतर धार्मिक और चैरिटी संस्थाओं द्वारा चलाए जाते हैं.