नए आयकर नियमों और टीडीएस से क्रिप्टो लेनदेन पर पड़ा असर
नए आयकर नियमों के तहत अब क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों को क्रिप्टो की बिक्री या एनएफटी से होने वाली आय पर 30 फीसदी आयकर देना होगा, जो कि सबसे ऊंची आयकर दर है.
highlights
- क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन के नए नियमों से निवेशक असमंजस में
- क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी आयकर देय
- क्रिप्टो करेंसी के प्रत्येक लेनदेन पर 1 फीसदी टीडीएस भी लगेगा
नई दिल्ली:
वित्तीय वर्ष 2022-23 से पहले क्रिप्टो करेंसी आयकर के दायरे में नहीं आती थी. ऐसे में क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन करने वाले अधिकांश लोग वित्तीय लाभ या व्यापारिक फायदा बताकर क्रिप्टो करेंसी को भुना कर उस पर लगने वाले कर को अदा कर देते थे. यह अलग बात है कि क्रिप्टो करेंसी पर लागू नए आयकर नियमों से क्रिप्टो उद्योग पर अब गहरा असर पड़ेगा. इन नए आयकर नियमों के तहत अब क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों को क्रिप्टो की बिक्री या एनएफटी से होने वाली आय पर 30 फीसदी आयकर देना होगा, जो कि सबसे ऊंची आयकर दर है. साथ ही अन्य संपत्ति श्रेणियों की तर्ज पर रिटेल निवेशक क्रिप्टो करेंसी में घाटा होने पर एक्सपेंसेस या डिडक्शन का दावा भी नहीं कर सकेंगे.
प्रत्येक लेनदेन पर एक फीसदी टीडीएस
क्रिप्टो के लेनदेन पर नजर रखने के लिए सरकार ने प्रत्येक क्रिप्टो करेंसी के ट्रांसफऱ पर एक फीसदी टीडीएस भी लगाया है. यह सारे नियम 1 जुलाई 2022 से अस्तित्व में आ चुके हैं. टीडीएस का यह नया प्रावधान भी दिन भर में क्रिप्टो करेंसी में निवेश को प्रभावित करेगा. इसकी वजह से क्रिप्टो करेंसी में निवेश एक साल के लिए लॉक हो जाएगा जब तक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं होता और रिफंड के लिए दावा नहीं किया जाता. इसके तहत नई जोड़ी गई धारा 194एस में एक जुलाई से एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक की डिजिटल संपत्ति या क्रिप्टो करेंसी के भुगतान पर एक प्रतिशत स्रोत पर टीडीएस लगाया जाएगा. नए प्रावधान को लागू करने के क्रम में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 21 जून को फॉर्म 26क्यूई और फॉर्म 16ई में टीडीएस रिटर्न देने के संबंध में आईटी नियमों में कुछ संशोधनों को अधिसूचित किया है.
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क्रिप्टो लेनदेन में गिरावट
यही वजह है कि नए नियम लागू होने के बाद से क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में शुरुआती दिनों में गिरावट देखी गई. विशेषज्ञों की मानें तो अभी इसमें और गिरावट आने की संभावना है. हालांकि नए टीडीएस नियम को लागू करने से पहले इस बाबत सरकार ने कुछ बातें साफ भी कर दी हैं. इसके तहत क्रिप्टो ट्रेडर्स को दुश्वारियों से बचाने के लिए टीडीएस की जिम्मेदारी क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लिए तय कर दी है. इस कड़ी में ग्राहकों के साथ होने वाले एग्रीमेंट में टीडीएस की धारा जोड़ी जाएगी. इससे क्रिप्टो में निवेश करने वालों को भी पता रहेगा कि टीडीएस से उनकी जेब पर क्या असर पड़ेगा. फॉर्म 26QE फाइल करने के लिए करदाता को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर की तारीख, वैल्यू ऑफ कन्सिडरेशन और मोड ऑफ कन्सिडरेशन की जानकारी संभाल कर रखने की जरूरत होगी. हालांकि शुरुआती दिनों में निवेशकों को अभी यह समझ नहीं आ रहा है, इसलिए भी गिरावट की संभावना जताई जा रही है.
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