कैट ने दिल्ली सरकार के इस नियम का किया विरोध! जरुरत पड़ी तो केंद्र सरकार की लेगा मदद
Delhi Bans Entry Of Heavy Vehicles: पांच महीनों के लिए डीजल से चलने वाले हेवी वाहन राजधानी की सड़कों से नदारद रहेंगे. जहां एक ओर दिल्ली सरकार ने फैसला प्रदूषण के मध्यनजर लिया है वहीं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Cait) ने फैसले पर विरोध जताया है
highlights
- प्रदूषण पर रोक के लिए सरकार ने लगाई हेवी वाहनों पर रोक
- कैट 29 जून को ट्रांस्पोर्ट सेक्टर के साथ करने जा रहा है बैठक
- राज्यपाल से मिलकर फैसले पर रोक के लिए जल्द करेंगे आग्रह
नई दिल्ली:
Delhi Bans Entry Of Heavy Vehicles: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Cait) यानि कैट ने दिल्ली सरकार के हालिया नियम का विरोध किया. दरअसल हाल ही में दिल्ली सरकार ने राजधानी में डीजल से चलने वाले हेवी वाहनों को बैन कर दिया है. हेवी वाहनों पर रोक इस साल अक्टूबर से फरवरी 2023 तक के लिए लगाई गई है. इसी के साथ पूरे पांच महीनों के लिए डीजल से चलने वाले हेवी वाहन राजधानी की सड़कों से नदारद रहेंगे. जहां एक ओर दिल्ली सरकार ने फैसला प्रदूषण के मध्यनजर लिया है वहीं अब कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Cait) इसके विरोध में सामने आया है. बता दें डीजल से चलने वाले हेवी वाहनों को प्रदूषण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है.
त्यौहारों के महीनों में ऐसा करना व्यापार को करेगा प्रभावित
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Cait) ने दिल्ली सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की है. कैट ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने ये फैसला ऐसे समय के लिए लिया है जब देश में व्यापार के लिए त्यौहारों के कारण अच्छे अवसर बनते हैं. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि दिल्ली सरकार के इस फैसले से व्यापार के साथ- साथ ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा. इसके लिए 29 जून को कैट ट्रांस्पोर्ट सेक्टर के साथ मिलकर बैठक करने जा रहा है.
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दिल्ली में महंगा हो जाएगा सारा सामान
कैट ने कहा है कि दिल्ली में सारे सामान की ढुलाई डीजल से चलने वाले हेवी वाहनों से ही होती है. हेवी वाहन लंबी दूरी तय कर माल पहुंचाते हैं इसलिए इन वाहनों को सीएनजी से नहीं चलाया जा सकता है. इसके अलावा दिल्ली सामान के वितरण का बड़ा मार्केट प्लेस है वाहनों पर रोक से सामान की पहुंच रुक जाएगी, जिससे दिल्ली में इन महीनों महगांई भी अपने पैर पसार सकती है. कैट ने कहा है कि वह जल्द ही दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मुलाकात करेगा और मामले के संबंध में रोक के लिए आग्रह भी करेगा. अगर जरूरत पड़ी तो कैट मामले में देश की केंद्र सरकार को भी हस्तक्षेप करने को कहेगा.
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