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बड़ी राहत: 7 लाख से ऊपर की थोड़ी कमाई पर नहीं भरना होगा भारी टैक्स, जानें नियम

सरकार ने सात लाख से थोड़ी अधिक कमाई पर भी मोटा टैक्स नहीं वसूलने जा रही है. केंद्र सरकार ने टैक्स से संबंधित बड़े बदलाव किए हैं.

Updated on: 25 Mar 2023, 05:00 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने बजट घोषणा में आम आदमी को टैक्स में बड़ी राहत दी. 7 लाख रुपये तक कमाने वाले लोगों को टैक्स में छूट दी गई है. इतना ही नहीं सरकार ने सात लाख से थोड़ी अधिक कमाई पर भी मोटा टैक्स नहीं वसूलने जा रही है. केंद्र सरकार ने टैक्स से संबंधित बड़े बदलाव किए हैं. ऐसे में टैक्स छूट की सीमा से थोड़ा बहुत अधिक कमाने पर भी उन्हें मोटी रकम कर के तौर पर जमा नहीं करना होगा. साथ ही डेट म्यूचुअल फंड में कमाई पर टैक्स से जुड़े नियमों भी बदलाव किए गए हैं.

इसी हफ्ते लोकसभा ने 64 आधिकारिक संशोधनों के साथ फाइनेंस बिल, 2023 को भी हरी झंडी देते हुए पास कर दिया. सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था अपनाने वाले इनकम टैक्स देने वाले थोड़ी राहत दी है. इसके अलावा केंद्र ने टैक्स संबंधित नियमों में बदलाव के तहत  GST विवादों के निपटान के लिए सभी राज्यों में अपीलीय न्यायाधिकरण पीठ की स्थापना करने का भी फैसला किया है. वहीं, वित्त विधेयक की मंजूरी के लिए राज्यसभा में पेश किया जाएगा. 

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1 अप्रैल से लागू होगा नया नियम

सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले छोटे टैक्सपेयर्स को शुक्रवार को बड़ी राहत दी। सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया है जब टैक्स पेयर्स ऊहाफोह की स्थिति में थे कि सात लाख से अधिक पैसे आने पर ज्यादा टैक्स देना होगा, लेकिन सरकार ने 1 अप्रैल से पहले ही स्थिति को स्पष्ट कर दी है. फाइनेंस बिल में संशोधन करते हुए यह व्यवस्था की गई है. सात लाख रुपये की टैक्स मुक्त आय से कुछ अधिक आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों को केवल अतिरिक्त आय पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा. यानी तय सीमा से ऊपर जितनी आमदनी बढ़ी है, टैक्स उतने ही का देना होगा. नई टैक्स व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू होगी. 

वित्त मंत्रालय ने उदाहरण के जरिए समझाया नियम

नई व्यवस्था लागू करने के पीछे वित्त मंत्रालय ने समझाया कि नई टैक्स व्यवस्था के तहत यदि किसी टैक्स पेयर की सालाना आय सात लाख रुपये है, तो उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन यदि आय 7,00,100 रुपये है तो इस पर 25,010 रुपये का टैक्स देना पड़ेगा. यानी 100 रुपये ज्यादा आय होने से व्यक्ति को 25,010 रुपये का कर चुकाना पड़ेगा. यह ना तो तर्कसंगत है और ना ही न्यायसंगत है. इसी को ध्यान में रखते हुए टैक्स पेयर को राहत देने का प्रस्ताव लाया गया है. मंत्रालय ने कहा है कि जो व्यक्ति टैक्स भरेगा वह सात लाख रुपये की टैक्स मुक्त आय से ऊपर की आमदनी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.