विश्व में मंदी के बावजूद भारत अभी भी 5 फीसदी की ग्रोथ रेट बनाये रखने में कामयाब :योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मानते हैं कि ऐसी धारणा उचित नहीं है. जो व्यक्ति यह मानने लगता है कि वह सर्वज्ञ और परिपूर्ण है, उसमें गिरावट और पतन की संभावनाएं दूर नहीं है
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन-प्रशासन को विश्वसनीयता का प्रतीक बनाया जाना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है. लोकतंत्र की कसौटी पर खरा उतरने के लिए‘मंथन’जैसे कार्यक्रम आवश्यक हैं. इसके मद्देनजर उन्होंने आई.आई.एम. लखनऊ की निदेशक प्रो. अर्चना शुक्ला से एक उपयोगी कार्यक्रम तैयार करने का आग्रह किया था. इसी क्रम में ‘मंथन’कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
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मुख्यमंत्री रविवार को आई.आई.एम. लखनऊ में‘मंथन’कार्यक्रम के अंतिम चरण‘मंथन-3’से पूर्व अपने विचार व्यक्त कर रहे थे.‘मंथन’कार्यक्रम के जरिए से राज्य सरकार से जुड़ने के लिए आई.आई.एम. लखनऊ के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने भरोसा जताया कि शासन के विभागों और विभिन्न सब कमेटियों के माध्यम से यह कार्यक्रम आगे भी चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने साबित किया है कि शासन-प्रशासन संचालित करने वाले अच्छे छात्र भी हो सकते हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम सभी के लिए कौतूहल और आश्चर्य का विषय है. सामान्य धारणा है कि शासन-प्रशासन में बैठे लोग परिपूर्ण, सर्वज्ञ और सर्वशक्तिमान होते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मानते हैं कि ऐसी धारणा उचित नहीं है. जो व्यक्ति यह मानने लगता है कि वह सर्वज्ञ और परिपूर्ण है, उसमें गिरावट और पतन की संभावनाएं दूर नहीं है. इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, वरिष्ठ अधिकारीगण, आई.आई.एम. की निदेशक प्रो. अर्चना शुक्ला सहित संस्थान के अन्य शिक्षाविद् उपस्थित थे.
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कार्य़क्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए सबसे जरूरी चीज स्टैब्लिटी है. भारत मे एक स्टेबल सरकार है, जो कि निवेश के लिए सबसे जरूरी चीज है. चीन ग्लोबल ट्रेड वार में पिछड़ गया है. लिहाजा भारत के लिए ये गोल्डन ऑपर्च्युनिटी है. इन तमाम ऑपर्च्युनिटीज को भुनाने के लिए हमारे पास अहम मौका है. जिससे हम 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का टारगेट हासिल कर लेंगे. जिसमें UP का योगदान 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का होगा.
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CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया के कई देशों की ग्रोथ रेट जहां 2, 3 पर सिमट गई है. भारत अभी भी 5 फीसदी की ग्रोथ रेट बनाये रखने में कामयाब है. कॉरपोरेट जगत को प्रधानमंत्री के निर्देश पर जो राहत दी गई है. उसके लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को हम आभार व्यक्त करते हैं. पूरी दुनिया आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही है. इस मंदी से अर्थजगत को उबरने के tax में जो कटौती की गई है उससे अर्थजगत को ताकत मिलेगी. मंदी की मार झेल रहे उद्योगों को ना सिर्फ राहत मिलेगी बल्कि निवेश के नए रास्ते खुलेंगे. भारत की कम्पनियां विदेशी कंपनियों से इसलिए प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाती थी क्योंकि भारत मे टैक्स की दर बहुत ऊंची थी.
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