त्रिपुरा में जीत के साथ ही बीजेपी की सहयोगी IPFT ने आदिवासियों के अलग राज्य की मांग रखी
त्रिपुरा चुनाव में बड़ी और ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के एक दिन बाद बीजेपी की सहयोगी पार्टी आईपीएफटी ने राज्य के आदिवासियों के लिए अलग राज्य की मांग रख दी है।
अगरतला:
त्रिपुरा चुनाव में बड़ी और ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी पार्टी इंडिजीनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने राज्य के आदिवासियों के लिए अलग राज्य की मांग रख दी है।
आईपीएफटी के अध्यक्ष एन सी देबबर्मा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार हमारी इस मांग को जल्द पूरा करेगी।
देबबर्मा ने कहा, 'चुनाव अलग मुद्दे हैं, हमारी कई सालों से मांग है कि त्रिपुरा के आदिवासी लोगों के लिए अलग राज्य का गठन किया जाय। केंद्र सरकार से उम्मीद है कि वह हमारी मांगों को पूरा करने के लिए जल्द ही उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगी।'
देबबर्मा ने आगे कहा कि वे चाहते हैं कि आदिवासी लोगों के असल मुद्दों को प्राथमिकता के तौर पर हल किए जाएं।
उन्होंने कहा, 'विकास कार्य एक नियमित प्रक्रिया के तहत होते रहते हैं चाहे कोई भी राजनीतिक पार्टी सत्ता में हो, इसलिए मांग लगातार जारी रहेगी।'
एन सी देबबर्मा ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के रमेन्द्र देबबर्मा को तकरजल विधानसभा में पराजित किया था। आईपीएफटी 1997 में गठन के बाद लगातार आदिवासियों के लिए अलग राज्य की मांग कर रही है।
त्रिपुरा चुनाव 2018 के शनिवार को आए परिणाम में भारतीय जनता पार्टी ने 25 साल से सत्ता में रहने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) को हराकर बहुमत हासिल की थी।
60 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने गठबंधन के साथ मिलकर कुल 43 सीटें हासिल की। जबकि 2013 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी।
और पढ़ें: माणिक सरकार ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, राज्य की जनता को किया धन्यवाद
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