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क्या सर्जिकल स्ट्राइक का बदला था बैंकों पर साइबर हमला?

इंडियन कप्यूटर इमरजेन्सी रिसपॉन्स टीम के बार बार चेतावनी देने के बावजूद भारतीय बैंकों ने ग्राहकों की सुरक्षा को भगवान भरोसे छोड़ दिया।

Updated on: 22 Oct 2016, 11:37 AM

highlights

  • कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने बैकों को पहले ही दे दी थी वॉर्निंग
  • 7 अक्टूबर को एक वॉर्निंग में पाकिस्तान से साइबर हमले की चेतावनी दी गई

 

नई दिल्ली:

इंडियन कप्यूटर इमरजेन्सी रिस्पॉन्स टीम के बार-बार चेतावनी देने के बावजूद भारतीय बैंकों ने ग्राहकों की सुरक्षा को भगवान भरोसे छोड़ दिया। सीईआरटी-इन ने पिछले दिनों सात अक्टूबर को सभी बैंकों को अलर्ट भेजा था कि पाकिस्तान की तरफ से साइबर अटैक हो सकता है और बैंकों को इस बचने के लिए पहले ही चेतावनी भेज दी थी। एजेंसी ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को संभावित साइबर खतरों के बारे में एडवाइजरी की थी।

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सरकारी कंप्यूटर सुरक्षा एजेंसी 'इंडियन कंप्यूटर इमरजेन्सी रिसपॉन्स टीम' (सीईआरटी-इन) ने बैंकों को पहली जुलाई को ही इस संबंध में आगाह कर दिया था। सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी एक सुरक्षा एजेंसी की तरफ से चार महीने से लगातार भेजी जा रहे अलर्ट को नजरअंदाज करने का ही नतीजा है कि बैंक ग्राहकों के 32.5 लाख एटीएम व क्रेडिट कार्डों के साथ धोखाधड़ी का खतरा पैदा हो गया।

बैंकों के सूचना नेटवर्क पर साइबर हमला हो सकता है इस बात का पहला अलर्ट उन्हें जुलाई 2016 को भेजा गया था।

पाकिस्तान की तरफ से हो सकता है साइबर हमला

सीईआरटी-इन ने 7 अक्टूबर को भेजे गये अलर्ट में पाकिस्तान की तरफ से साइबर हमले की जानकारी दी थी। यह अलर्ट जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों के बाद सीमा पर भारत के जवाबी हमले को ध्यान में रखते हुए जारी की गई। इस अडवाइजरी के जारी होने से पहले जुलाई की शुरुआत में ही बैकों को साइबर सुरक्षा में सेंध से जुड़ी शिकायतें मिलने लगी थीं। रिपोर्ट्स के अनुसार बॉर्डर पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद लगभग 7000 हजार हैकरो ने भारतीय वेबसाइट्स को निशाना बनाया।

कब कब जारी की चेतावनी

1 जुलाई 2016 को ही सीईआरटी की टीम ने बैंकों को अलर्ट जारी करके चेताया था कि उनके सूचना नेटवर्क पर साइबर हमला हो सकता है। इसी अलर्ट में बैंकों को कुछ कदम उठाने का सुझाव भी दिये थे।

12 अगस्त और 24 अगस्त 2016 को बैकडोर ट्रोजन (एक तरह का खतरनाक वायरस) के संबंध में अलर्ट भेजा। इस अलर्ट में साफ तौर पर कहा गया था कि इस वायरस के जरिए बैंकों के नेटवर्क से सूचनाओं की चोरी की जा सकती है।

7 अक्टूबर को पाकिस्तान की तरफ से साइबर हमले की जानकारी दी थी।