Taliban Govt.: पाकिस्तान को उसके सबसे अच्छे दोस्त ने दिया धोखा, तालिबाान को दी मान्यता
Taliban Govt.: चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि अफगानिस्तान के साथ लंबे समय से अच्छे संबंध रहे हैं. एक मित्ररूपी पड़ोसी के नाते चीन मानता है कि अफगानिस्तान को इंटरनेशनल कम्यूनिटी से बाहर नहीं करना चाहिए.
नई दिल्ली:
Taliban Govt.: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. इस बार पाकिस्तान को झटका उसके सबसे अच्छे दोस्त चीन ने दिया है. ये झटका पाकिस्तान के लिए किसी सदमें से कम नहीं लग रहा है. एक पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं लेकिन चीन को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है. चीन पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता दे दी है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि अफगानिस्तान के साथ लंबे समय से अच्छे संबंध रहे हैं. एक मित्ररूपी पड़ोसी होने के नाते ये चीन मानता है कि अफगानिस्तान को इंटरनेशनल कम्यूनिटी से बाहर नहीं करना चाहिए. अभी तक किसी भी देश ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को अधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है. चीन विश्व में पहला देश बना है जिसने तालिबानी सरकार को मान्यता दी है. इससे पहले काबुल की रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन ने तालिबान द्वारा नियुक्त किए गए बिलाल करीमी को राजदूत का दर्जा दे दिया है. बिलाल करीमी ने अपना परिचय पत्र चीनी विदेश मंत्रालय को सौंप दिया है.
गृहयुद्ध से बदले हालात
अगस्त 2021 में अफगानिस्तान गृह युद्ध की चपेट में पड़ गया था. ये उस समय हुआ था जब अमेरिका के सैनिक अफगानिस्तान को छोड़कर चले गए थे. उसके बाद तालिबान ने हमला कर पूरे देश पर कब्जा करने के बाद सरकार बना ली थी. हलांकि इसके बाद भी पाकिस्तान और रूस के साथ ही चीन ने भी अपना दूतावास काबुल में बंद नहीं किया था और इसे जारी रखने का फैसला किया था.
चीन ने किया बचाव
चीन के विदेश मंत्री ने अपने फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हम उम्मीद कर सकते हैं कि अफगानिस्तान इंटरनेशनल कम्यूनिटी की अपेक्षा के अनुसार काम करेगा. इससे एक खुली और समावेशी समाज की रचना होगी. वहीं हम उम्मीद करते हैं कि एक उदारवादी और विवेकपूर्ण घरेलू और विदेश नीतियां को लागू करने पर काम करेगा. इसके साथ ही आतंकवाद पर भी कार्रवाई करेगा. इसके साथ ही पड़ोसी देश सहित विश्व के सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करेगा. इसके साथ ही तालिबान की सरकार विश्व समुदाय के काम में भाग लेगा और नियमों का पालन करेगा.
चीन ने ये मान्यता ऐसे समय पर दे दिया है जब उसका दोस्त पाकिस्तान तालिबान के काम करने के तरीके से नाराज चल रहा है और उस पर कई सवाल खड़ा कर चुका है. पाकिस्तान उसके देश में चल रहे आतंकी गतिविधियों के लिए तालिबान की सरकार को दोषी मानता है और कार्रवाई करने की गुजारिश कर चुका है.
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