इमरान खान के वादे को नजरअंदाज कर पाकिस्तान सेना ने सिख श्रद्धालुओं को दिया झटका, उठाया यह कदम
पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने यू-टर्न लेते हुए भारत से जाने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट अनिवार्य कर दिया है. एक तरह से यह पाकिस्तान में इमरान खान के घटते कद और पाकिस्तान सेना में उनके कम होते प्रभाव को भी दर्शा रहा है.
highlights
- पाकिस्तानी सेना ने यू-टर्न लेते हुए भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट किया अनिवार्य.
- इमरान खान ने पासपोर्ट के बजाय किसी भी वैध परिचय पत्र पर यात्रा का दिया था आश्वासन.
- केंद्र सरकार की सेवा शुल्क नहीं वसूलने की मांग भी ठुकरा चुका है पाकिस्तान.
New Delhi:
करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से ऐन पहले पाकिस्तान की सेना ने एक ऐसा कदम उठाया है, जो न सिर्फ उसके वजीर-ए-आजम इमरान खान के पिछले दिनों किए गए वादे को झुठलाता है, बल्कि भारत से जाने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए भी बड़ा झटका है. पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने यू-टर्न लेते हुए भारत से जाने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट अनिवार्य कर दिया है. एक तरह से यह पाकिस्तान में इमरान खान के घटते कद और पाकिस्तान सेना में उनके कम होते प्रभाव को भी दर्शा रहा है.
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भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट जरूरी
पाकिस्तान के एक निजी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए पाक सेना के प्रवक्ता आसिफ गफ्फूर ने कहा, 'यह हमारी सुरक्षा से जुड़ा मसला है. ऐसे में करतारपुर साहब आने वाले सिख श्रद्धालुओं को वैध पासपोर्ट के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा. पाकिस्तान की सुरक्षा और अखंडता के मसले पर किसी किस्म का समझौता नहीं किया जा सकता है.' पाकिस्तान सेना ने यह कदम तब उठाया है जब पीएम इमरान खान ने एक नवंबर को खुद एक ट्वीट में कहा था कि भारत से आने वाले सिख श्रद्धालु किसी भी वैध परिचय पत्र पर करतारपुर आ सकते हैं. इसके साथ ही इमरान खान ने यह भी कहा था कि भारतीय सिख श्रद्धालुओं को 10 दिन पहले एडवांस में रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराना होगा. यही नहीं, इमरान खान ने यह भी कहा था कि कॉरिडोर के उद्घाटन और गुरु नानकजी की 550वीं जयंती पर कोई भी फीस नहीं वसूली जाएगी.
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सेवा शुल्क भी वसूलेगा पाकिस्तान
हालांकि भारत सरकार की मांग थी कि करतारपुर गुरुद्वारा दर्शन करने जाने वाले सिख श्रद्धालुओं से किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं वसूला जाए. बीते दिनों औपचारिक बैठक में भी नई दिल्ली ने इस मसले पर पाकिस्तान के रवैये पर निराशा व्यक्त की थी. बैठक में पाकिस्तान ने भारत से आने वाले सिख श्रद्धालुओं से भी 20 डॉलर सेवा शुल्क वसूलने के अपने निर्णय को वापस लेने से इंकार कर दिया था. बैठक में इस समझौते पर भी चर्चा हुई थी कि भारतीय श्रद्धालु और भारतीय मूल का कोई भी शख्स इस कॉरिडोर का इस्तेमाल कर सकता है. यह यात्रा वीजा मुक्त होगी.
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