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यूपी विधानसभा में विस्फोटक मामले में गुमराह किए जाने को लेकर FSL डायरेक्टर पर होगी कार्रवाई

यूपी विधानसभा में ख़तरनाक पाउडर पीईटीएन की अफवाह के बाद हरकत में आए प्रशासन ने जांच के बाद फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहारी उपाध्याय के खिलाफ डीजीपी मुख्यालय ने गृह विभाग से कार्रवाई की सिफारिश की है।

Updated on: 03 Aug 2017, 09:29 AM

नई दिल्ली:

यूपी विधानसभा में विस्फोटक पाउडर पीईटीएन की अफवाह के बाद हरकत में आए प्रशासन ने जांच के बाद फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहारी के खिलाफ डीजीपी मुख्यालय ने गृह विभाग से कार्रवाई की सिफारिश की है।

सूत्रों के मुताबिक डीजीपी मुख्यालय ने एफएसएल के डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।

12 जुलाई को यूपी विधानसभा में कथित तौर पर पीईटीएन पाउडर के मिलने के बाद हड़कंप मच गया था। जांच में एफएसएल ने इसे ख़तरनाक बम विस्फोटक पीईटीएन पाउडर बताया था। यह पाउडर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की सीट के नीचे मिला था। 

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बताया जा रहा है कि इस मामले में एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहारी ने शासकीय अधिकारियों को गुमराह किया था। आगरा की लैब में इस संदिग्ध पाउडर के पीईटीएन न साबित होने के बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। 

इस जांच में उपाध्याय के खिलाफ एक्शन की सिफारिश की गई है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहारी के खिलाफ बिहार में भी करोड़ो रुपये के गबन के आरोप लग चुके हैं। वहीं, बिहार सरकार भी उन्हें वापस बुलाने की मांग कर रह है। 

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इन घटनाक्रमों के बीच एनआईए की टीम ने भी एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहारी उपाध्याय से पूछताछ की थी। हालांकि एनआईए को फिलहाल चंडीगढ़ की फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट का भी इंतज़ार है। चंडीगढ़ लैब रिपोर्ट के बात स्थिति और साफ हो पाएगी कि बरामद संदिग्ध पाउडर पीईटीएन था या नहीं। 

दूसरी ओर श्याम बिहारी उपाध्याय पर बर्खास्तगी की तलवार भी लटक रही है। रिपोर्ट आने के बाद उन पर कार्रवाई की जा सकती है, हालांकि अभी तक उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

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