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Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक

Varuthini Ekadashi 2024 Paran Time: आज वरुथिनी एकादशी का व्रत है. मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत शुभ मुहूर्त में ही व्रत खोलना चाहिए, तभी इसका पूरा फल मिलता है. ऐसे में आइए जानते हैं वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त.

Updated on: 04 May 2024, 10:49 AM

नई दिल्ली :

Varuthini Ekadashi 2024 Paran Time: एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. इन्हीं एकादशी में से एक वरुथिनी एकादशी है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग पर शयन करते हैं. एकादशी का व्रत करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि नियमित रूप से एकादशी का व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी के दिन विधि-पूर्वक पूजा करने से और व्रत रखने से विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके अलावा भगवान विष्णु प्रसन्न होकर जातकों की मनोकामना पूरी करते हैं.  वहीं जो भी भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, उन्हें व्रत का पारण भी सही समय और विधि के अनुसार करना चाहिए. ज्योतिष की मानें तो एकादशी का व्रत नियमपूर्वक शुभ मुहूर्त देखकर ही खोलना चाहिए तभी लाभ मिलता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण कब और कितने बजे किया जाएगा

वरुथिनी एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त  (Varuthini Ekadashi 2024 Paran Time)

पंचांग के अनुसार, वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 3 मई 2024 को रात 11 बजकर 24 मिनट से होगा जिसका समापन 4 मई 2024 को रात 8 बजकर 38 मिनट पर होगा. ऐसे में 4 मई यानी कि आज वरुथिनी एकादशी मनाई जाएगी और इसका पारण 5 मई को  सुबह  5 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 17 मिनट तक के बीच में किया जाएगा. अगर आप शुभ मुहूर्त में ही पारण करेंगे तभी आपको व्रत का पूरा फल मिलेगा. 

वरुथिनी एकादशी व्रत पारण नियम ((Varuthini Ekadashi 2024 Niyam)

वरुथिनी एकादशी के अगले दिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. उसके बाद पूजा स्थान को साफ करके भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की मूर्ति/तस्वीर स्थापित करें. दीप प्रज्वलित करें और धूप-अगरबत्ती जलाएं. 
फूल, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं. भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें. व्रत कथा पढ़ें या सुनें. दान करें. पारण के लिए कटे हुए फल या खाना ग्रहण करें. नमक का सेवन सूर्यास्त के बाद ही करें. एकादशी के दिन दान-पुण्य करना भी बहुत लाभदायक होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)