Jharkhand News: खुंखार नक्सली दिनेश गोप को NIA कोर्ट में किया गया पेश, मुस्कुराते हुआ आया नजर
खुंखार नक्सली और PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप को कड़ी सुरक्षा के बीच NIA की विशेष कोर्ट में पेश किया गया. जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. एक दिन पहले ही कोर्ट ने उसकी रिमांड एक दिन के लिए बढ़ाई थी.
highlights
- नक्सली दिनेश गोप को NIA कोर्ट में किया गया पेश
- पेशी के दौरान कोर्ट के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
- कोर्ट ने नक्सली दिनेश गोप को न्यायिक हिरासत में भेजा
Ranchi:
खुंखार नक्सली और PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप को कड़ी सुरक्षा के बीच NIA की विशेष कोर्ट में पेश किया गया. जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. एक दिन पहले ही कोर्ट ने उसकी रिमांड एक दिन के लिए बढ़ाई थी. जिसके बाद उससे NIA की टीम पूछताछ की और आज उसे कोर्ट में पेश किया गया. आपको बता दें कि हाल ही में पुलिस ने उसे नेपाल से गिरफ्तार किया था.
देखने के लिए लगती है लोगों की भीड़
वहीं, न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के दौरान दिनेश काफी मुस्कुराते हुआ नजर आया और हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहा था. दरअसल, कुख्यात पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप कि जब भी कोर्ट में पेशी होती है तो लोगों की भीड़ दिनेश को देखने के लिए इकट्ठा हो जाती है.
कौन है दिनेश गौप ?
- PLFI का सुप्रीमो है दिनेश गोप
- दिनेश गोप ने की पहले JLT की स्थापना
- बाद में दिनेश गोप ने बनाया PLFI
- गोप पर 150 से ज्यादा मुकदमे हैं दर्ज
- लेवी के अलावा टेरर फंडिंग का आरोप
- दिनेश गोप पर दर्जनों हत्या के आरोप
- झारखंड पुलिस को काफी दिनों से थी तलाश
- झारखंड पुलिस के साथ बिहार पुलिस को भी थी तलाश
- दिनेश गोप पर था 25 लाख रुपये का इनाम
- गोप को NIA ने नेपाल से किया गिरफ्तार
यह भी पढ़ें : लातेहार पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, 2 हार्डकोर नक्सली को किया गिरफ्तार
दिनेश गोप कैसे बना PLFI सुप्रीमो?
- दिनेश गोप का सेना की नौकरी के लिए हुआ था चयन
- सेना ज्वाइन करने के लिए उसे भेजा गया पत्र
- गांव के दबंगों ने कभी उसके घर नहीं पहुंचने दिया पत्र
- दबंगों के करतूत का पता उसके भाई सुरेश गोप को हुई
- सुरेश गोप ने दबंगों के खिलाफ बगावत करनी शुरू कर दी
- सुरेश गोप का संबंध नक्सलियों से बताया जाता रहा है
- इस बीच 2000 में पुलिस की गोली से सुरेश गोप की मौत हो गई
- भाई की मौत के बाद दिनेश गोप उड़ीसा भाग गया
- कुछ दिन बाद दिनेश गोप उड़ीसा से वापस लौटा
- अब दिनेश गोप का नाम और काम दोनों बदल चुका था
- अब वो गांव का दिनेश नहीं, बल्कि गिरोह का सरगना बन गया
- 2001 में भाकपा माओवादी संगठन से अलग होकर अपना अलग दस्ता बनाया
- गिरोह की सक्रियता सिलादोना और मारंगहादा तक बढ़ी
- गिरोह ने जल्द ही मारंगहादा को अपने प्रभाव क्षेत्र में ले लिया
- 2006 में इस दस्ते का विलय जेएलटी में हो गया
- 20 जुलाई 2007 को इस हथियारबंद दस्ते को एक नया नाम मिला PLFI
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