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Land for Job Scam: सुशील मोदी ने बोला लालू, राबड़ी और तेजस्वी पर हमला, कहा-'कोई नहीं बचेगा', ललन सिंह का भी लिया नाम

सुशील मोदी ने कहा कि 2009 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को ललन सिंह और शरद यादव ने ज्ञापन सौंपा था और उन्हें बताया था कि लालू प्रसाद रेल मंत्री रहते हुए गलत तरीके से लोगों को नौकरी दे रहे हैं और उसके बदले जमीन ले रहे है.

Updated on: 22 Sep 2023, 03:54 PM

highlights

  • सुशील मोदी ने लालू परिवार पर बोला हमला
  • कहा-ललन सिंह ने सीबीआई को दे रखे हैं सारे सबूत
  • कोई भी आरोपी नहीं बचेगा-सुशील मोदी

Patna:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा लैंड फॉर जॉब घोटाले में पूर्व रेल मंत्री व आरजेडी चीफ लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत मामले के 17 आरोपियों को एक बार फिर से समन भेजा है और 4 अक्टूबर 2023 को कोर्ट में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं. अब इस मामले पर भी राजनीति शुरू हो गई है. ताजा मामले में सुशील मोदी ने कहा है कि लालू एंड फैमिली के खिलाफ जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने खुद ही सीबीआई को सबूत दिए हैं. कोई भी बचने वाला नहीं है.

सुशील मोदी ने आगे कहा कि आरोपियों को समन जारी करना न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है. इसके पहले भी सीबीआई द्वारा सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया जा चुका है. सुशील मोदी ने कहा कि ये वही मामला है जिसे सबसे पहले ललन सिह ने ही उजागर किया था. 2009 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को ललन सिंह और शरद यादव ने ज्ञापन सौंपा था और उन्हें बताया था कि लालू प्रसाद रेल मंत्री रहते हुए गलत तरीके से लोगों को नौकरी दे रहे हैं और उसके बदले जमीन ले रहे है.

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सुशील मोदी ने कहा कि रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन रजिस्ट्री कराने के मामले में CBI के पास बेहद पुख्ता सबूत हैं. दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कालोनी में 1088 का जो आलीशान मकान है, उसकी कीमत 100 से 150 करोड़ है, आखिर इस कोठी के मालिक तेजस्वी यादव कैसे बन गए? सुशील मोदी ने कहा कि ये वही मकान और जमीन हैं जो लोगों ने रेलवे में नौकरी के बदले लालू परिवार को दिया था. वहीं, कोर्ट द्वारा लालू परिवार के लोगों को समन जारी करने पर कहा कि यह एक न्यायिक प्रक्रिया है, आगे देखना है कि क्या होता है. उन्होंने एक बार फिर से दोहराया कि जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने बहुत ही पुख्ता सबूत CBI को उपलब्ध कराए हैं ऐसे में कोई भी आरोपी बचेगा नहीं.

2004-2009 के बीच का है मामला

मामला 2004-2009 के रेलवे भर्ती घोटाले से जुड़ा है. लालू यादव पर आरोप है कि जब वह रेल मंत्री थे तब नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. चूंकि, नौकरी के बदले पैसे लेने में रिस्क रहता था इसलिए पैसे नहीं लिए जाते थे, उसकी जगह जमीन ली जाती थी. आरोप यह भी है कि इस पूरे जमीन वसूली के काम की जिम्मेदारी लालू के उस समय के OSD भोला यादव को दी गई थी. इस मामले की चार्जशीट में CBI ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और 14 अन्य को आरोपी बनाया है. लालू यादव, मीसा भारती, राबड़ी देवी इन सभी को मामले में कोर्ट द्वारा जमानत दी जा चुकी है.