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Bihar News: केके पाठक के आदेश का नहीं हुआ इस स्कूल पर असर, जान खतरे में डाल पढ़ने को मजबूर छात्र

विद्यालय में कुल 140 बच्चों का नामांकन हुआ है. 2 कमरों का यह विद्यालय काफी पुराना और जर्जर हालत की स्थिति में है. 140 बच्चों के पठन-पाठन की जिम्मेवारी इस विद्यालय में 5 शिक्षकों के कंधों पर है.

Updated on: 27 Jul 2023, 12:02 PM

highlights

  • केके पाठक के आदेश के बाद क्या हुआ बदलाव 
  • 5 शिक्षकों पर 140 बच्चों के पठन-पाठन की जिम्मेवारी
  • शौचालय और पेयजल की भी नहीं है व्यवस्था
  • केके पाठक से जागी लोगों की उम्मीद 

Gopalganj:

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इस दिनों एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. आये दिन नए नए आदेश जारी कर रहे हैं, ताकि शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके. जिसका असर अब सरकारी विद्यालय पर होते नजर आ रहा है. जो शिक्षक कभी स्कूल तक नहीं आते थे वो अब ना केवल नियमति रूप से स्कूल आ रहे हैं बल्कि सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक विद्यालय में उपस्थित भी रह रहे हैं. बच्चे भी क्लास में बैठे दिख रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के एक स्कूल की जब जांच पड़ताल की गई तो जो नजारा दिखा वो देख सभी हैरान हैं. 

केके पाठक के आदेश के बाद क्या हुआ बदलाव 

बिहार के लगभग सभी स्कूलों में शिक्षक समय से उपस्थित हो रहे हैं. छात्रों को विद्यालय में आने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है. इसके साथ ही जो भी समय सरकार की तरफ से तय किस गया है. शिक्षक तब तक विद्यालय में उपस्थित भी रह रहे हैं. यह एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है. जहां शिक्षा विभाग में पहले यह देखा जाता था कि बिहार के बहुत सारे विद्यालय में कुछ ऐसे शिक्षक या शिक्षिका थी जो कि समय से विद्यालय नहीं आती थी या विद्यालय आती ही नहीं थी और अगर किसी दिन विद्यालय आ भी गई तो जितना दिन विद्यालय नहीं आई है. उन सबका भी हाजिरी बना कर चली जाती थी. जिसका विरोध विद्यालय के प्रधानाचार्य भी नहीं कर पाते थे. अब सभी स्कूलों में धीरे-धीरे सुधार होता दिख रहा है. 

इस स्कूल की आज भी स्थित है दयनीय 

गोपालगंज जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय बघौच हरि में जब इसकी जांच पड़ताल की गई तो जो सच्चाई सामने आई उस पर विश्वास कर पाना मुश्किल है. विद्यालय में कुल 140 बच्चों का नामांकन हुआ है. 2 कमरों का यह विद्यालय काफी पुराना और जर्जर हालत की स्थिति में है. 140 बच्चों के पठन-पाठन की जिम्मेवारी इस विद्यालय में 5 शिक्षकों के कंधों पर है. जिसमें एक शिक्षिका तो 4 शिक्षक है. 

शौचालय और पेयजल की भी नहीं है व्यवस्था

यह विद्यालय कुचायकोट मैरवा मुख्य पथ पर सड़क के बिल्कुल करीब स्थित है. इस विद्यालय में अभी भी बच्चे विद्यालय के फर्श पर अपने घर से लाए हुए बोरे पर बैठ कर पढ़ने के लिए मजबूर हैं. साथ ही साथ जब यहां के एक शिक्षक से विद्यालय में शौचालय और पेयजल के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि यहां पर कोई भी अच्छे शौचालय या पेयजल की व्यवस्था नहीं है. 

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केके पाठक से जागी लोगों की उम्मीद 

हालांकि शिक्षा विभाग की कमान जबसे के के पाठक के हाथ में आया है तब से चाहे वह विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक हो या छात्र हो या फिर छात्र के अभिभावक हो सभी लोगों को एक उम्मीद तो निश्चित ही जगी है कि अब शिक्षा विभाग में कुछ अच्छा बदलाव जरूर होगा. लोगों को उम्मीद है कि इस विद्यालय की रूप रेखा में भी जल्द ही बदलाव होगा. अब ये देखना वाली बात होगी कि शिक्षा विभाग की नजर इस स्कूल पर कब तक जाती है. 

रिपोर्ट - शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव