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Amalaki Ekadashi 2024 Date: 20 या 21 मार्च, आमलकी एकादशी व्रत कब? इस विधि से करें पूजा मिलेगा बहुत लाभ!

Amalaki Ekadashi 2024 Date: आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन अगर आप सही विधि और मुहूर्त में पूजा करेंगे तो आपको बहुत लाभ मिलेगा. जानिए आमलकी एकादशी व्रत की सही तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.

Updated on: 18 Mar 2024, 01:21 PM

नई दिल्ली:

Amalaki Ekadashi 2024 Date:  सनातन धर्म में एकादशी का खास महत्व होता है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. यूं तो सभी एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व होता है लेकिन फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. फाल्गुन माह में पड़ने वाली एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है. इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है. इसके अलावा काशी में इस एकादशी को रंगभरी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. रंगभरी एकादशी के दिन से ही होली की शुरुआत हो जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं इस साल कब रखा जाएगा आमलकी एकादशी का व्रत. इसके साथ ही जानिए आमलकी एकादशी व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व. 

कब रखा जाएगा आमलकी एकादशी 2024 का व्रत?  (Kab Hai Amalaki Ekadashi 2024 Vrat)

हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी का व्रत किया जाता है. इस साल एकादशी तिथि की शुरुआत 20 मार्च की रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन यानि 21 मार्च 2024 दिन गुरुवार को सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 20 मार्च 2024 को किया जाएगा. 

आमलकी एकादशी 2024 व्रत का शुभ मुहूर्त और पारण का समय (Amalaki Ekadashi 2024 Puja Shubh Muhurat & Paran Time) 

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 20 मार्च को मध्य रात्रि 12 बजकर 21 मिनट से और इसका समापन 21 मार्च को सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर होगा. ऐसे में आमलकी एकादशी व्रत के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 25 मिनट से लेकर 9 बजकर 27 मिनट तक है. वहीं इस दिन व्रत का पारण का समय 21 मार्च को दोपहर 1 बजकर 41 मिनट से शाम 4 बजकर 07 मिनट तक है. 

आमलकी एकादशी व्रत की पूजा विधि  (Amalaki Ekadashi 2024 Puja Vidhi)

आमलकी एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण कर लें. उसके बाद व्रत का संकल्प लें. अब दीपक जलाएं और फिर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. इसके बाद आंवले के पेड़ के नीचे नवरत्न युक्त कलश स्थापित करें. कलश स्थापित करने के बाद आंवले के वृक्ष का धूप, दीप, चंदन, रोली, फूल और अक्षत से पूजा करें. उसके बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को करवाएं. फिर अगले दिन स्नान करके पूजा करें. पूजा करने के बाद कलश, वस्त्र और आंवले का किसी जरूरतमंद को दान करें. 

आमलकी एकादशी व्रत का महत्व (Amalaki Ekadashi Importance)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों की प्राप्ति होती है. यह भी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु को आंवला चढ़ाने से  जीवन में चल रही सभी परेशानियों का अंत हो जाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)