अक्षय तृतीया 2018: जानें मुहूर्त का समय, सालों बाद बन रहा है ये शुभ संयोग
अक्षय तृतीया पर कई सालों बाद शुभ योग बन रहा है। पुराणों के अनुसार, त्रेता युग का प्रारंभ भी इसी दिन हुआ था। साथ ही बद्रीनाथ धाम में नारायण का अवतार हुआ था।
नई दिल्ली:
अक्षय तृतीया पर कई सालों बाद शुभ योग बन रहा है। यह 18 अप्रैल को मनाया जाएगा। इसे पूरे साल का सबसे शुभ दिन मानते हैं।
अक्षय तृतीया का प्रारंभ 17 अप्रैल की रात 3:45 बजे से शुरू होगा और 18 अप्रैल की रात 1:45 पर समाप्त होगा।
पुराणों के अनुसार, त्रेता युग का प्रारंभ भी इसी दिन हुआ था। साथ ही बद्रीनाथ धाम में नारायण का अवतार हुआ था।
बन रहा है ये संयोग
18 अप्रैल को सूर्योदय के समय सूर्य मेष राशि में रहेगा। कृतिका नक्षत्र के प्रथम चरण में है और सूर्य मेष राशि में है। ऐसा संयोग सैकड़ों साल बाद आता है।
अक्षय तृतीया के दिन पिंड के बिना भी श्राद्ध करने का विधान है। गंगा और तीर्थ स्नान का विशेष महत्व है। इसीलिए जल से भरा कलश, भूमि और गोदान करते हैं। जिसकी कुंडली में पितर दोष है, वह पितरों का पिंडदान और तर्पण कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना, जमीन खरीदना, गृह प्रवेश और तीर्थयात्रा शुभ माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
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