Maa Kalratri Ki Aarti: महासप्तमी के दिन जरूर करें मां कालरात्रि की आरती, देवी दुर्गा हो जाएंगी खुश
Maa Kalratri Ki Aarti: नवरात्रि के सातवें दिन मां की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने से साथ उनकी आरती जरूर पढ़नी चाहिए. आइए जानते हैं मां कालरात्रि की आरती के बारे में.
नई दिल्ली:
Maa Kalratri Ki Aarti: 21 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है और नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि दुर्गा का सबसे उग्र रूप हैं और रक्तबीज की दुष्ट त्रिमूर्ति को मारने के लिए मां कालरात्रि का जन्म मां चंडी के मस्तक हुआ था. कालरात्रि का रंग गहरा है क्योंकि देवी पार्वती ने देवी के रूप में राक्षसों को मारने के लिए अपनी बाहरी सुनहरी त्वचा को हटा दिया था. वह गधे की सवारी करती हैं, गले में खोपड़ियों की माला पहनती हैं और उसके चार हाथ हैं. मां कालरात्रि को गुड़ से बनी चीजों का भोग जरूर लगाना चाहिए इससे वो बेहद प्रसन्न होती हैं. नवरात्रि के सातवें दिन मां की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने से साथ उनकी आरती जरूर पढ़नी चाहिए. आइए मां कालरात्रि की आरती के बारे में.
मां कालरात्रि की आरती
कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
काल के मुह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतार॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥
खडग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें।
महाकाली माँ जिसे बचाबे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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