रोहिंग्या मुस्लिम की मदद के लिए आगे आया भारत, बांग्लादेश भेजेगा राहत सामग्री
केंद्र सरकार बांग्लादेश में शरण लिए रोहिंग्या मुस्लिमों की मदद के लिए ढाका को मानवीय सहायता देगी।
highlights
- बांग्लादेश आए रोहिंग्या मुस्लिमों की मदद के लिए आगे आया भारत
- गुरुवार को राहत-सामग्री की पहली खेप बांग्लादेश भेजेगा भारत
- म्यांमार में हुई हिंसा के बाद साढ़े 3 लाख से अधिक मुस्लिम बांग्लादेश में शरण लिये हैं
नई दिल्ली:
रोहिंग्या मुस्लिम के प्रति मोदी सरकार का अब तक का रवैया सख्त है। इस बीच खबर है कि केंद्र सरकार बांग्लादेश में शरण लिए रोहिंग्या मुस्लिमों की मदद के लिए ढाका को मानवता के आधार पर सहायता देगी।
नई दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त सैयद मुअज्जम अली ने पिछले सप्ताह भारत के विदेश सचिव एस जंयशंकर से मुलाकात की थी। इस दौरान रोहिंग्या संकट पर दोनों अधिकारियों के बीच चर्चा हुई थी।
भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने कहा, 'भारतीय विमान कल (गुरुवार) मानवीय सहायता की पहली खेप लेकर पहुंचेगा। यह विमान दोपहर 11 बजे चटगांव एयरपोर्ट पर उतरेगा।'
बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त हर्षवर्धन श्रृंगला राहत सामाग्री बांग्लादेश के सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कादिर को सौंपेंगे।
म्यांमार के रखाइन में हिसा भड़कने के बाद वहां से बांग्लादेश भागे रोहिंग्या लोगों की संख्या 25 अगस्त से लेकर अब तक 379,000 हो गई है। जिसकी मदद के लिए भारत ने बांग्लादेश की तरफ हाथ बढ़ाया है।
और पढ़ें: यूएन चीफ ने रोहिंग्या के खिलाफ म्यांमार सरकार से कार्रवाई रोकने को किया आग्रह
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि पिछले महीने हुई हिंसा के बाद 370,000 रोहिंग्या बांग्लादेश भाग गए।
कैसे शुरू हुई म्यांमार में मौजूदा हिंसा?
मौजूदा संकट 25 अगस्त को उभर कर सामने आया जब अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) के विद्रोहियों ने उत्तर-पश्चिम राखिने राज्य में पुलिस और सैन्य चौकियों पर हमला कर दिया था, जिसके बाद म्यांमार सेना ने हिंसक कार्रवाई करते हुए रोहिंग्या लोगों पर हमला कर दिया।
जिसके बाद से रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश भाग रहे हैं। इस दौरान उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सीमावर्ती चौकियों पर रोहिंग्या विद्रोहियों द्वारा हमले के बाद म्यांमार सेना द्वारा इसी तरह की आक्रामक सैन्य कार्रवाई ने पिछले साल अक्टूबर में 80,000 से अधिक रोहंग्याओं को पलायन करने को मजबूर कर दिया था।
इस संकट से पहले बांग्लादेश में करीब 3 लाख से लेकर 5 लाख तक रोहिग्या लोग रह रहे थे, जिसमें से केवल 32 हजार रोहिंग्या लोग ही कॉक्स बाजार जिले में बतौर शरणार्थी का दर्जा प्राप्त शिविरों में रह रहे थे।
और पढ़ें: मोदी सरकार पर बरसी मायावती, रोहिंग्या मुसलमानों पर नीती साफ करने की दी नसीहत
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें