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100 साल के बाद महिला कुलपति को मिली AMU की कमान, नईमा खातून वाइस-चांसलर नियुक्त

नईमा खातून को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है. नईमा AMU के 100 सालों से अधिक के इतिहास में शीर्ष पद संभालने वाली पहली महिला बन गई हैं.

Updated on: 23 Apr 2024, 10:56 AM

नई दिल्ली:

नईमा खातून (Naima Khatoon) को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है. नईमा AMU के 100 सालों से अधिक के इतिहास में शीर्ष पद संभालने वाली पहली महिला बन गई हैं. अधिकारियों ने सोमवार को मामले में जानकारी देते हुए बताया कि, नईमा की नियुक्ति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जो विश्वविद्यालय की विजिटर हैं, से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद शिक्षा मंत्रालय (MoE) द्वारा की गई थी. साथ ही आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू होने के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से भी अनुमति मांगी गई थी. 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, "महिला कॉलेज की प्रिंसिपल नईमा खातून को पांच साल की अवधि के लिए AMU का कुलपति नियुक्त किया गया है. ECI ने कहा है कि आयोग को AMU वीसी की नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव पर MCC के एंगल से कोई आपत्ति नहीं है. इस शर्त के अधीन कि इससे कोई राजनीतिक लाभ नहीं लिया जाएगा."

कौन है नईमा खातून?

गौरतलब है कि, एएमयू से मनोविज्ञान में पीएचडी पूरी करने वाली नईमा को 2006 में प्रोफेसर के रूप में पदोन्नत होने से पहले 1988 में उसी विभाग में व्याख्याता के रूप में नियुक्त किया गया था. 2014 में महिला कॉलेज की प्रिंसिपल नियुक्त होने से पहले वह वहीं रहीं.

1875 में स्थापित, मुहम्मदन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अधिनियम के अधिनियमन के बाद AMU बन गया. 

ऐसा रहा AMU में महिला कुलपति का इतिहास

बता दें कि, सितंबर 2020 में, AMU ने एक विश्वविद्यालय के रूप में 100 वर्ष पूरे किए, और यह भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक बन गया. विश्वविद्यालय में अब तक कोई महिला कुलपति नहीं रही है. 1920 में, बेगम सुल्तान जहां को AMU चांसलर के रूप में नियुक्त किया गया था. वह इस पद पर आसीन होने वाली एकमात्र महिला बनी हुई थीं.