Exclusive: जावेद को क्या मालूम अफगान में क्या चल रहा है : बीजेपी नेता नितेश राणे
जावेद अख्तर के बयान पर बीजेपी नेता नितेश राणे ने कई सवाल दागे. शिवसेना औऱ भाजपा पहले भी कर चुकी है आलोचना.
highlights
- जावेद अख्तर के बयान पर हो रही है जमकर बहस
- जावेद अख्तर ने आरएसएस की तालिबान से की थी तुलना
- शिवसेना ने सामना में भी इस मुद्दे पर प्रकाशित किया लेख
नई दिल्ली :
जावेद अख्तर के संघ को लेकर हाल ही में दिए बयान पर जमकर बहस हो रही है. सोमवार न्यूज नेशन के कार्यक्रम में जावेद अख्तर के बयान पर जमकर बहस हुई. बता दें कि हाल ही में जावेद अख्तर ने संघ की तुलना तालिबान से की थी. इस डिबेट में बीजेपी नेता नितेश राणे ने कहा कि इस तरह के बयान देकर जावेद अख्तर कोई षड्यंत्र कर रहे हैं. राणे ने सवाल किया कि तालिबान के जैसे हमारे देश में कौन सा हादसा हुआ है. अगर हमारे देश में ऐसे हादसे नहीं हुए हैं तो जावेद अख्तर को माफी मांगनी चाहिए. नितेश राणे ने कहा कि मैंने पत्र लिखकर उन्हें खुला डिबेट करने के लिए कहा है. उन्होंने सवाल किया कि ये व्यक्तव्य अफगान में दे सकते हैं क्या? साथ ही कहा कि जावेद अख्तर को माफी मांगनी चाहिए.
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देश की बहस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जावेद अख्तर को सिर्फ गंदी राजनीति करनी है. जावेद को भला क्या मालूम अफगान में क्या चल रहा. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि हम जावेद अख्तर को बात करने का मौका देते हैं लेकिन तालिबान के राज में यह संभव नहीं है. उन्होंने चैलेंज करते हुए कहा कि जावेद अख्तर कुछ दिन अफगानिस्तान में रहकर आएं तो उन्हें सच्चाई का अंदाजा हो जाएगा. नितेश राणे ने जावेद की मंशा पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जावेद ने 3 तलाक जैसे मुद्दों पर सरकार की तारीफ नहीं की.
आपको बता दें कि जावेद अख्तर ने जैसे ही आरएसएस की तुलना तालिबान से की, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने उस पर प्रतिक्रिया दी है. इस मुद्दे पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि आरएसएस अगर तालिबानी विचार वाला होता तो तीन तलाक पर कानून नहीं बना होता. लाखों मुस्लिम महिलाओं को आजादी नहीं मिली होती. हालांकि सामना ने यह भी लिखा कि जावेद अख्तर अपने मुखर बयानों के लिए जाने जाते हैं. देश में जब-जब राष्ट्रद्रोही विक्रृतियां उफान पर आती हैं, जावेद अख्तर उन लोगों के मुखौटे फाड़ते हैं. फिर भी तालिबान से तुलना हमें अस्वीकार्य है. वहीं, भाजपा ने इस मामले में शिवसेना पर हमलावर होते हुए कहा है कि सामना की भाषा जलेबी की तरह गोलमोल है. साथ ही कहा कि अगर शिवसेना मानती है कि जावेद अख्तर का बयान गलत है तो अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई.
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