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DRDO ने किया घातक महाहथियार VSHORADS मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें इसकी ताकत

भारत ने बुधवार और गुरुवार को अपनी स्वदेशी मानव-पोर्टेबल वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के दो सफल परीक्षण किए. इन मिसाइल्स को खासतौर पर शत्रु विमानों, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को बहुत कम दूरी पर नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

Updated on: 01 Mar 2024, 11:57 AM

नई दिल्ली :

भारत ने बुधवार और गुरुवार को अपनी स्वदेशी मानव-पोर्टेबल वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के दो सफल परीक्षण किए. इन मिसाइल्स को खासतौर पर शत्रु विमानों, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को बहुत कम दूरी पर नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. DRDO ने बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइलों का उड़ान परीक्षण किया, जिसकी मारक क्षमता 6 किमी तक है. बता दें कि डीआरडीओ ने ओडिशा तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर से जमीन आधारित पोर्टेबल लॉन्चर से (Very Short Range Air Defence System-VSHORADS) मिसाइलों का उड़ान परीक्षण किया. DRDO के एक अधिकारी ने इस बारे में तमाम महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है...

अधिकारी ने बताया कि, "ये परीक्षण विभिन्न अवरोधन परिदृश्यों के तहत उच्च गति वाले मानवरहित हवाई लक्ष्यों के खिलाफ किए गए थे. सभी परीक्षण उड़ानों के दौरान, मिशन के उद्देश्यों को पूरा करते हुए, लक्ष्यों को मिसाइलों द्वारा रोका और नष्ट कर दिया गया." VSHORADS को Research Centre Imarat (RCI) द्वारा DRDO प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से तैयार किया गया है. 

इसपर ज्यादा जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि, "VSHORADS मिसाइल में लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली और एकीकृत एवियोनिक्स समेत कई नई प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया गया है, जिन्हें परीक्षणों के दौरान सफलतापूर्वक साबित कर दिया गया है."

इसकी खासियत बताते हुए अधिकारी ने बताया कि, "डुअल-थ्रस्ट सॉलिड मोटर द्वारा संचालित मिसाइल, कम दूरी पर कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए है. आसान पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए लॉन्चर सहित मिसाइल के डिजाइन को अत्यधिक अनुकूलित किया गया है"

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने डीआरडीओ, सेना और उद्योग को सफल विकास परीक्षणों के लिए बधाई देते हुए कहा कि, आधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस यह नई मिसाइल सशस्त्र बलों को और अधिक तकनीकी बढ़ावा देगी. बता दें कि, पिछले साल जनवरी में राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 1,920 करोड़ रुपये की लागत से डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकास के तहत इन्फ्रारेड होमिंग VSHORADS मिसाइलों की खरीद के लिए "acceptance of necessity" दी थी.

गौरतलब है कि, सेना और IAF ने पिछले तीन वर्षों में सीमित संख्या में रूसी Igla-S MANPADS के लिए आपातकालीन खरीद प्रावधानों के तहत कुछ सौदे किए हैं.