निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैकों के प्रमुखों के साथ की बैठक, EASE 4.0 किया लॉन्च
देश में पिछले साल मार्च 2020 कोरोना महामारी के शुरुआत होने के बाद वित्त मंत्री सीतारमण और सरकारी बैकों के प्रमुखों के साथ पहली समीक्षा बैठक हैं. आमने-सामने की इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
नई दिल्ली :
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) ने बुधवार यानी आज पब्लिक सेक्टर बैंकों के साथ वार्षिक समीक्षा बैठक की. देश में बैंकों के प्रदर्शन और कोरोना महामारी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को गति देने में कितनी प्रगति हुई इसे लेकर सीतारमण ने बैठक की. बता दें कि देश में पिछले साल मार्च 2020 कोरोना महामारी के शुरुआत होने के बाद वित्त मंत्री सीतारमण और सरकारी बैकों (public sector bank)के प्रमुखों के साथ पहली समीक्षा बैठक हैं. आमने-सामने की इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आसान बैंकिंग का चौथा चरण भी लॉन्च किया. इसे ईज-4 नाम दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में EASE 4.0 लॉन्च किया. EASE (एन्हांस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए एक सामान्य सुधार एजेंडा है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ और स्मार्ट बैंकिंग को संस्थागत बनाना है.
"Finance Minister Nirmala Sitharaman launched EASE 4.0 in Mumbai. EASE (Enhanced Access and Service Excellence) is a common reform agenda for Public Sector Banks aimed at institutionalising clean and smart banking," tweets FM's Office pic.twitter.com/yCstAqvNYm
— ANI (@ANI) August 25, 2021
बैकों से पूर्वोत्तर के लिए विशेष योजनाएं लाने को कहा गया
सरकारी बैंकों के प्रमुखों से बातचीत करने के बाद निर्मला सीतारमण ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने बताया कि मैंने बैंकों से अनुरोध किया है कि वे पूर्वोत्तर के लिए विशेष योजनाएं लाएं. बैंकों को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के लिए एक योजना न लाकर सभी राज्यों के लिए उनकी ज़रूरतों के मुताबिक योजना लाने के लिए कहा है.
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्लान को लॉन्च किया था. गौरतलब है कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (National Monetization Pipeline) के जरिए इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स (infrastructure assets) की ऐसी एक सूची तैयार की जाएगी जिसे सरकार (Government) को अगले 4 साल में बेचना है. उन्होंने कहा कि इसके जरिये अगले चार वर्षों में विनिवेश किए जाने वाली सरकार की बुनियादी ढांचा संपत्तियों की सूची तैयार की जाएगी. वित्त मंत्रालय का लक्ष्य इसके जरिये 6 लाख करोड़ रुपये जुटाना है.
इसे भी पढ़ें:दिल्ली में स्कूल खोलने के लिए DDMA ने दी हरी झंडी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्लान के लॉन्चिंग के मौके पर जानकारी देते हुए कहा था कि सरकार अंडर-यूटिलाइज्ड एसेट्स को ही सिर्फ बेचेगी. हालांकि उन्होंने कहा कि संपत्ति का मालिकाना हक सरकार के पास रहेगा.
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