जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के ख़िलाफ़ फैसले की घड़ी नजदीक: भारत
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर फैसले की घड़ी नजदीक आ रही है
नई दिल्ली:
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर फैसले की घड़ी नजदीक आ रही है, भले ही संयुक्त राष्ट्र उसके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दे या न दे।
उन्होंने शनिवार को चेतावनी भरे शब्दों में कहा, "हम अजहर का पीछा करेंगे। इस बारे में निश्चिंत रहें। फैसले की घड़ी नजदीक है।"
चीन ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगाने में रुकावट डालकर हमेशा आतंकवादी अजहर की सहायता की है, जो 2016 में पंजाब के पठानकोट वायु सेना अड्डे पर हमले का मस्टरमाइंड है। इस हमले में सात भारतीय मारे गए थे।
अकबरुद्दीन के मुताबिक, भारत सोमवार से शुरू हो रही संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान प्रगतिशील, फॉरवर्ड लुकिंग अजेंडे पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
जब अकबरुद्दीन से पाकिस्तान द्वारा यूएन महासभा में कश्मीर मुद्दे उठाने की योजना से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हम अपनी अप्रोच को साफ कर चुके हैं, जोकि प्रगतिशील है। दूसरी तरफ ऐसे देश भी हैं, जो कल के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं, इस तरह लोग कल के ही लोग हैं।'
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इसके अलावा अकबरुद्दीन ने कहा, '40 सालों से इस मुद्दे पर (कश्मीर मुद्दे पर) संयुक्त राष्ट्र में औपचारिक रूप से चर्चा भी नहीं हुई है। अगर कोई इसे उठाता तो वह वक्त ही बर्बाद करेगा।'
Since 40 yrs it was never discussed formally at UN. If someone raises it they're wasting time-Syed Akbaruddin on if Pak raises Kashmir issue pic.twitter.com/VemWEtNxUb
— ANI (@ANI) September 17, 2017
पिछले महीने चीन ने ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका द्वारा अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने और प्रतिबंध लगाकर उसकी संपत्तियों को जब्त करने व उसकी अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को रोक दिया था।
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इस महीने की शुरुआत में हुए ब्रिक्स सम्मलेन में हालांकि चीन ने पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूहों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को भी नामित किया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में जम्मू एवं कश्मीर पर अपेक्षित पाकिस्तानी अभियान के बारे में एक सवाल के जवाब में सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने दशकों से इस मामले को संज्ञान में नहीं लिया है और इसमें कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जो लोग बीते कल के मामलों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वे बीते कल वाले लोग होते हैं। अगर वे ऐसा ही होना चाहते हैं, तो यही सही।
अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत एक प्रेरणादायक एजेंडे और प्रगतिशील दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करेगा।
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